पूर्णिया: जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्णिया के पूर्व सांसद पप्पू सिंह ने प्रेस वार्ता में कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है और गांव-गांव में जन सुराज के प्रति जबरदस्त समर्थन देखने को मिल रहा है। उन्होंने हाल ही में किए गए कटिहार, सहरसा और अन्य जिलों के दौरे का हवाला देते हुए कहा कि जनता मौजूदा शासन से थक चुकी है और अब सत्ता को अपने हाथ में लेने को तैयार है।पप्पू सिंह ने कहा, “आज बिहार की जनता वैसा ही जनज्वार बना रही है जैसा 1977 में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हुआ था। लोग कह रहे हैं — गद्दी छोड़ो, जनता आ रही है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे, इसलिए उनके मुख्यमंत्री बनने का सवाल ही नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि अगले कुछ दिनों में भवानीपुर और औरंगाबाद होते हुए दिल्ली जाएंगे और जुलाई में फिर बिहार लौटेंगे। उन्होंने कहा कि अगर जन सुराज की सरकार बनी तो सबसे पहले शराबबंदी को ईमानदारी से समाप्त किया जाएगा। “शराबबंदी के नाम पर सिर्फ दिखावा हो रहा है, असल में शराब हर जगह बिक रही है। जो लोग बेगुनाह होकर भी जेल में हैं, उन्हें तुरंत रिहा किया जाएगा।” राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर हमला करते हुए पप्पू सिंह बोले, “आज स्कूलों में पढ़ाई नहीं, सिर्फ खिचड़ी परोसी जा रही है। गरीब बच्चों को शिक्षा देने के बजाय सिर्फ खाना खिलाने तक सरकार की सोच सिमट गई है। यह बिहार के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। हमारी दूसरी प्राथमिकता शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करना होगी। एक सवाल के जवाब में पप्पू सिंह ने पप्पू यादव की प्रशंसा करते हुए कहा, “पूर्णिया स्थित कल्याण छात्रावास में कुछ ज़रूरी सामानों और कंप्यूटर की जरूरत थी। मैंने उन्हें पत्र लिखकर सांसद निधि से मदद करने का अनुरोध किया। उन्होंने फोन कर बताया कि भैया, मैंने वह काम करवा दिया है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि “यह कार्य सदर विधायक का होता है, उन्हें भी पत्र लिखा लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया। जिलाधिकारी को भी पत्र लिखा है। संभव है कि वे अभी नए आए हैं, तो पदभार ग्रहण के बाद इस पर निर्णय लें। उन्होंने स्पष्ट किया कि पप्पू यादव जब तीखी बयानबाज़ी कर रहे थे , तब मैने खुद फोन कर कहा था कि सभी जनप्रतिनिधियों को मर्यादा और संस्कार के साथ काम करना चाहिए। “मैंने ही उनसे कहा था कि युद्ध विराम ना तोड़ें।” नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, “उनका पहला कार्यकाल सुशासन और विकास का था, लेकिन उसके बाद के सभी कार्यकाल महाजंगलराज के रूप में जाने जाएंगे। आज जनता पुलिस और प्रशासन से भयभीत नहीं, बल्कि निराश है।”