नवादा: बिहार के नवादा ज़िले का शांत सा कस्बा रजौली आज अचानक सुर्खियों में आ गया, जब बारिश, आंधी और घने बादलों के बीच एक ऐतिहासिक क्षण ने जन्म लिया — अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा (पंजीकृत) के बैनर तले “क्षत्रिय शौर्य सम्मेलन एवं केशरिया महापंचायत” का आयोजन न केवल विशाल था, बल्कि अपनी भावनात्मक गहराई और रणनीतिक संदेशों के कारण भी ऐतिहासिक बन गया। चारों ओर से उमड़े हजारों की भीड़, हाथों में केसरिया झंडे और गर्जना करती नारों की गूंज के बीच जब पूर्व सांसद आनंद मोहन मंच पर पहुंचे, तो जैसे मंच नहीं, कोई रणभूमि सजी हो। उन्होंने अपने ओजस्वी और धारदार भाषण में एक के बाद एक ऐसे प्रस्ताव रखे, जिनसे क्षत्रिय समाज की दशकों पुरानी बेचैनी और संघर्ष जैसे शब्दों में ढल गई।
उन्होंने देशभर में बिखरे क्षत्रिय संगठनों को एक “महासंघ” में बदलने का आह्वान किया — एक ऐसी शक्ति जो आने वाले समय की राजनीति को झकझोर सकती है। उन्होंने मांग रखी कि बिहटा एयरपोर्ट का नाम वीर बाबू कुंवर सिंह के नाम पर हो, जिससे इतिहास सिर्फ किताबों में नहीं, ज़मीन पर भी बोलता नजर आए। सेना और पुलिस जैसी जोखिमपूर्ण सेवाओं में क्षत्रियों को विशेष आरक्षण, EWS की जटिल शर्तों को सरल करने, और युद्धक टैंकों व विमानों को क्षत्रिय वीरों के नाम देने जैसे प्रस्तावों ने न सिर्फ तालियों की गूंज बटोरी, बल्कि लोगों की आंखों में एक नई उम्मीद भी जगा दी।
यहां तक कि उन्होंने क्षत्रिय बहुल लोकसभा व विधानसभा क्षेत्रों को आरक्षण मुक्त करने की मांग कर, राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी। बिहार से केंद्र में मंत्रिमंडल में क्षत्रिय सांसदों को समुचित स्थान मिले — यह मांग केवल प्रतिनिधित्व नहीं, बल्कि दशकों की उपेक्षा का हिसाब मांग रही थी। जैसे-जैसे ये प्रस्ताव सामने आते गए, वैसे-वैसे भीड़ की ऊर्जा गरजते बादलों को मात देती गई।
इन प्रस्तावों को एकमत से करतल ध्वनि द्वारा पारित किया गया — यह सिर्फ समर्थन नहीं, बल्कि एक सामूहिक युद्धघोष था। सम्मेलन की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर अजय सिंह ने की, मंच का संचालन युवा अध्यक्ष शिवराम सिंह ने किया और आयोजनकर्ता धर्मेंद्र सिंह ‘सेंगर’ ने धन्यवाद ज्ञापन कर इस अभूतपूर्व आयोजन को विराम दिया — लेकिन यह विराम नहीं, बल्कि शायद एक नई शुरुआत थी। कार्यक्रम में अनीता राय (बेगूसराय की उप मेयर), जितेन्द्र नीरज, बी.के. सिंह, चंदन भास्कर, दीपू वर्मा (शिवहर), मुकेश सिंह (संदेश एवं जहानाबाद), बंटी सिंह (सीवान), अधिवक्ता अनिल सिंह, सूरजभान सिंह और पूर्व मुखिया मुद्रिका सिंह जैसे प्रमुख चेहरे उपस्थित रहे।

