US Dollar Latest News/नई दिल्ली: आज, 9 अप्रैल 2025 को अमेरिकी डॉलर से जुड़ी ताजा खबरों में वैश्विक और भारतीय बाजारों में इसकी स्थिति चर्चा का विषय बनी हुई है। हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित 26% टैरिफ नीति के लागू होने के बाद डॉलर की चाल में बदलाव देखा जा रहा है। भारत सहित कई देशों पर यह टैरिफ प्रभावी हो गया है, जिससे रुपये और डॉलर के बीच विनिमय दर पर असर पड़ा है। आइए जानते हैं अमेरिकी डॉलर से जुड़ी नवीनतम अपडेट्स हिंदी में:
रुपये के मुकाबले डॉलर की स्थिति
आज सुबह भारतीय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 41 पैसे कमजोर होकर 86.66 पर पहुंच गया, जो तीन हफ्ते का निचला स्तर है। इससे पहले सोमवार को रुपया 19 पैसे गिरकर 85.63 पर बंद हुआ था। विशेषज्ञों का कहना है कि टैरिफ नीति और वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं ने रुपये पर दबाव बढ़ाया है। मंगलवार को इंट्राडे ट्रेडिंग में रुपया 86.08 तक भी लुढ़का था।
वैश्विक बाजार में डॉलर का हाल
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी डॉलर इंडेक्स (DXY) में भी गिरावट देखी गई है। ट्रंप की टैरिफ नीति के बाद निवेशकों में वैश्विक मंदी की चिंता बढ़ी है, जिसके चलते डॉलर का आकर्षण कम हुआ है। सोमवार को यह छह महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया और स्विस फ्रैंक के मुकाबले 0.44% नीचे 0.85720 पर कारोबार कर रहा था। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अगर अमेरिका ब्याज दरों में कटौती करता है, तो डॉलर और कमजोर हो सकता है।
टैरिफ का असर और मस्क की नाराजगी
एलन मस्क ने ट्रंप के टैरिफ फैसले की आलोचना की है और इसे वैश्विक व्यापार के लिए हानिकारक बताया है। मस्क ने खास तौर पर ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो को “मूर्ख” कहकर निशाना साधा। उनका कहना है कि इससे टेस्ला जैसी कंपनियों की लागत बढ़ेगी और चीन जैसे बाजारों में नुकसान होगा। मस्क ने ट्रंप से व्यक्तिगत अपील की थी कि टैरिफ वापस लें, लेकिन ट्रंप ने इसे ठुकरा दिया और चीन पर 104% टैरिफ की धमकी दी।
भारत पर प्रभाव
भारत में डॉलर की मजबूती और रुपये की कमजोरी से आयात महंगा हो सकता है, खासकर ऑटोमोबाइल और टेक्नोलॉजी सेक्टर में। हालांकि, फार्मा जैसे क्षेत्रों को टैरिफ से छूट मिलने से राहत है। सरकार ने संकेत दिया है कि वह जवाबी टैरिफ लगाने की बजाय अमेरिका के साथ व्यापारिक बातचीत को प्राथमिकता देगी।
आगे क्या?
विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर वैश्विक तनाव बढ़ता है, तो डॉलर में और अस्थिरता आ सकती है। भारत में RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजे भी रुपये-डॉलर की चाल पर असर डाल सकते हैं। फिलहाल, बाजार की नजर अमेरिकी नीतियों और वैश्विक प्रतिक्रियाओं पर टिकी है। नवीनतम अपडेट्स के लिए बने रहें।