PURNIA NEWS अभय कुमार सिंह : डिजिटल युग के इस दौर में गांवों में भी बदलाव आ रहा है, और छर्रापटी गांव इसका प्रमाण बन चुका है। यह गांव अब पिछड़े हुए स्थान से एक समृद्ध और विकासशील गांव में बदल चुका है, जहां सैकड़ों युवा अपनी जिंदगी संवारने के लिए विभिन्न व्यवसायों और रोजगार के अवसरों का लाभ उठा रहे हैं। इसी बदलाव के केंद्र में हैं गुलशन कुमार, जो एक तरफ तो एक मेडिकल की दुकान चला रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने गांव के बच्चों के लिए शिक्षा क्षेत्र में भी एक नई पहल की है। गुलशन कुमार ने “मिशन एडुकेशन ग्रुप” के तहत एक कंसल्टेंसी ऑफिस शुरू किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य उन गांव के बच्चों की मदद करना है जो आर्थिक और जानकारी के अभाव में आगे की पढ़ाई करने में असमर्थ हैं। गुलशन का मानना है कि गांवों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए उन्हें बच्चों को सही मार्गदर्शन और सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए, ताकि वे अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ बेहतर भविष्य बना सकें।
गुलशन कुमार का कहना है, “हमने अक्सर सुना है कि गांवों के बच्चे इंटर, डिग्री करने के बाद भी आर्थिक स्थिति के कारण आगे की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते। मेरे लिए यह एक चुनौती थी, और मैंने इसे एक अवसर के रूप में लिया। मैं चाहता हूं कि हमारे गांव के बच्चे भी बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई करें और भविष्य में अपनी पहचान बनाएं।” गुलशन के इस पहल का उद्देश्य केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें गरीबी से जूझ रहे बच्चों को कम शुल्क पर देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों में प्रवेश दिलाना भी शामिल है। चाहे वह सामान्य पढ़ाई हो, इंजीनियरिंग, मेडिकल, आईएएस, बीपीएससी, एनडीए, एसएससी आदि, हर क्षेत्र में जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। आजकल, डिजिटल युग में, गांवों में इंटरनेट और डिजिटल उपकरणों का उपयोग बढ़ रहा है, जिससे युवा विभिन्न ऑनलाइन व्यवसायों में सक्रिय हो रहे हैं। गुलशन कुमार का मानना है कि इस डिजिटल परिवर्तन का फायदा उठाते हुए, वे गांव के बच्चों को अधिक अवसर और शिक्षा के बारे में जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने सभी युवाओं से अपील की है कि वे हतोत्साहित न हों और हमेशा आगे बढ़ने के लिए अपने प्रयासों में जुटे रहें। गुलशन कुमार ने इस संस्था की शुरुआत बिना किसी फीस के की है, ताकि कोई भी बच्चा इसका लाभ उठाने से वंचित न रहे। इस अवसर पर गांव की मुखिया सुलोचना देवी, समाजसेवी पप्पू कुमार मंडल, और अन्य कई युवा उपस्थित थे। गुलशन कुमार की इस पहल से अब गांव के बच्चों के लिए एक नई राह खुली है, जिससे वे अपनी शिक्षा पूरी करके अपने गांव, समाज और देश का नाम रोशन कर सकेंगे।
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