सहरसा

SAHARSA NEWS/मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. रंजीत कुमार सिंह को सेवानिवृत्ति पर दी गई भावभीनी विदाई

SAHARSA NEWS/अजय कुमार : पीजी सेंटर सहरसा में मैथिली विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. रंजीत कुमार सिंह को उनके सेवानिवृत्ति पर गुरुवार को एक भावभीनी विदाई दी गई। इस कार्यक्रम का आयोजन पीजी सेंटर सहरसा के परिसर प्रभारी डॉ. इम्तियाज अंजुम के नेतृत्व में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. कुलानंद झा और विशिष्ट वक्ता एम एल टी कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. पवन कुमार शामिल हुए।

कार्यक्रम में मंचासीन अतिथियों ने डॉ. रंजीत कुमार सिंह के योगदान की सराहना करते हुए उनके सुखद भविष्य की कामना की। डॉ. राकेश कुमार सिंह, डॉ. मुकंद कुमार सिंह, डॉ. लाला प्रवीण, और डॉ. अनिल कुमार ने भी अपने उद्गार व्यक्त किए और प्रो. डॉ. रंजीत कुमार सिंह की शैक्षिक यात्रा की प्रशंसा की।

कार्यक्रम का संचालन मैथिली विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. अरुण कुमार सिंह ने किया और स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रमणकांत चौधरी ने दिया। कार्यक्रम के समापन में मैथिली विभाग के शोधार्थी कुंदन कुमार ने समदाओन गायन प्रस्तुत किया।

डॉ. कुलानंद झा ने कहा, “डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने हमेशा अध्ययन और अध्यापन के क्षेत्र में उच्चतम मानक स्थापित किए। वह छात्रों के बीच बहुत लोकप्रिय रहे और उनके सेवानिवृत्त होने पर विभाग में उनकी कमी महसूस होगी।” उन्होंने डॉ. सिंह के संघर्षपूर्ण जीवन का भी उल्लेख किया और बताया कि कैसे उन्होंने कठिन परिस्थितियों में शिक्षा की यात्रा शुरू की और अंततः पीजी सेंटर सहरसा के मैथिली विभाग के अध्यक्ष बने।

डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, “वक्ताओं द्वारा जो कुछ भी कहा गया, वह मेरे बारे में बढ़ा चढ़ा कर कहा गया है, लेकिन इससे यह जाहिर होता है कि वक्ताओं के साथ मेरे संबंध बहुत आत्मीय हैं। मैंने अपना जीवन सदैव अध्ययन और अध्यापन के लिए समर्पित किया।” उन्होंने छात्रों को ईमानदारी से कठोर परिश्रम करने की सलाह दी और कहा कि जीवन में कठिन मेहनत से सफलता मिलती है, और इसके लिए भगवान की सहायता हमेशा मिलती है।

कार्यक्रम में डॉ. सिद्धेश्वर कश्यप, डॉ. श्याम मोहन मिश्रा, डॉ. कविता, प्रेम शंकर, ममता, प्रणेश कुमार, डॉ. सुमन कुमार, डॉ. बलवीर कुमार, केशव कुमार, और सत्य प्रकाश सहित अन्य प्रमुख लोग मौजूद रहे।

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