New Delhi : दिल्ली नगर निगम (MCD) ने ठोस कचरा प्रबंधन के नाम पर रिहायशी संपत्तियों से यूजर चार्ज वसूलना शुरू कर दिया है, लेकिन इस फैसले को लागू करने से पहले न तो कोई ठोस तैयारी की गई और न ही जनता से राय ली गई, जिसके चलते अब बड़ी समस्या सामने आ रही है। हाउस टैक्स के साथ यह अतिरिक्त शुल्क दिल्लीवासियों पर थोपा गया है, जबकि शहर के कई हिस्सों में कचरा नियमित रूप से नहीं उठाया जाता और सड़कों पर गंदगी के ढेर आम बात हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इसे जनविरोधी कदम बताते हुए MCD पर हमला बोला है और दावा किया है कि हाउस टैक्स माफी का वादा पूरा न होने के बाद यह नया बोझ जनता को परेशान कर रहा है। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) का कहना है कि यह शुल्क कचरा प्रबंधन को बेहतर करने और दिल्ली को स्वच्छ बनाने के लिए जरूरी है। मेयर महेश खिची ने MCD कमिश्नर को पत्र लिखकर यूजर चार्ज तुरंत हटाने की मांग की है, लेकिन कुछ अधिकारियों का आरोप है कि BJP के दबाव में यह फैसला लिया गया, जिससे प्रशासन के भीतर भी असमंजस की स्थिति है। जनता में नाराजगी बढ़ रही है, क्योंकि शुल्क की दरों और इसके इस्तेमाल को लेकर पारदर्शिता का अभाव है, और मध्यम व निम्न आय वर्ग के लिए यह आर्थिक दबाव का नया कारण बन गया है। सोशल मीडिया पर लोग इसे “अन्याय” करार दे रहे हैं और कह रहे हैं कि जब तक सुविधाएं नहीं सुधरेंगी, वे शुल्क देने को तैयार नहीं। इस विवाद ने दिल्ली की सियासत को गरमा दिया है और MCD के लिए इसे सुलझाना अब एक बड़ी चुनौती बन गया है।