PURNIA NEWS : बिहार में बालिकाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाने का महाअभियान

PURNIA NEWS : राज्य सरकार जनमानस को टीकारोधी बीमारियों से बचाव हेतु निरंतर प्रयासरत है, जिसके तहत समय – समय पर राज्य में नये टीकों को नियमित टीकाकरण में सम्मिलित किया जाता रहा है। बालिकाओं को गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में ह्यूमन पेपीलोमा वायरस टीकाकरण की शुरुआत की गई है। बुधवार को जीएमसीएच, पूर्णिया में जिलाधिकारी कुन्दन कुमार द्वारा फीता काटकर एचपीवी टीकाकरण के दूसरे फेज की शुरुआत की गई।इस दौरान जिले के 09 वर्ष से 14 आयुवर्ग के चिन्हित 100 बालिकाओं को स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा एचपीवी का टीका लगाया गया। इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा सभी बालिकाओं के स्वास्थ्य की जानकारी लेते हुए भविष्य में सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षित रहने के लिए टीकाकरण लगवाने की बधाई दी गई। बुधवार को आयोजित एचपीवी टीकाकरण में पूर्णिया जिले के चिन्हित 100 बालिकाओं को सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षित रखने के लिए टीका लगाया गया। सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर बीमारी है। सर्वाइकल कैंसर का मतलब है सर्विक्स में होने वाले कैंसर। सर्विक्स को हिन्दी में गर्भाशय के ग्रीवा या बच्चेंदानी का मुंह भी कहा जाता है। दुनिया में होने वाले हर 5 सर्वाइकल कैंसर के मरीजों में से एक भारत में है। यह विषाणु यौन संबंधों के कारण शरीर में प्रवेश करता है और अगर बार-बार कोई महिला इस वायरस से संक्रमित होती है तो बाद में यह संक्रमण सर्वाइकल कैंसर का रूप ले सकता है। भारत में सर्वाइकल कैंसर के मरीज तेजी से बढ़ रहे है। भारत में यह कैंसर मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण है। यह कैंसर ज्यादातर 26 से 38 आयुवर्ग की महिलाओं में होता है। कभी कभी 40 से 50 की उम्र की महिलाएं भी इस रोग से ग्रसित पाई जाती है।

सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मृत्यु सभी मृत्यु का लगभग 17% है। भारत में अकेले यह कैंसर, सर्वाइकल कैंसर के वैश्विक बोझ का एक चौथाई हिस्सा है। अनुमानतः भारत में प्रत्येक वर्ष करीब एक लाख नये सर्वाइकल कैंसर के मरीज इस बीमारी से ग्रसित होते है। पूरे एशिया में भारत की महिलाएं सर्वाधिक इस बीमारी की चपेट में है। बिहार में कैंसर से होने वाली मृत्यु के मामले में देश के राज्यों में चौथे स्थान पर है। बिहार में प्रतिवर्ष लगभग 1.40 लाख नये मामले आते है। इसी क्रम में दिनांक 06 अक्टूबर 2024 को बालिकाओं को ह्मूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) के संक्रमण से बचाव हेतु ’’मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना’ के तहत 09 वर्ष से 14 वर्ष आयुवर्ग की बालिकाओं हेतु एचपीवी टीकाकरण का शुभारम्भ किया गया है। यह टीका ह्मूमन पेपिलोमा वायरस से लड़ने में सहायता करेगा, जो सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण है। किशोरावस्था में लड़कियों की एच.पी.वी. वैक्सिन प्रदान करना अत्यंत प्रभावी होता है, क्योंकि इस उम्र में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अधिक सक्रिय और मजबूत होती है। बालिकाओं को इस वैक्सिन की दो खुराक से छः माह के अन्तराल पर टीकाकृत किये जाने से इस वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता का विकास शरीर में हो जाता है। यह टीकाकरण पूरी तरह से निःशुल्क है। डब्ल्यू.एच.ओ. के अनुसार सर्वाइकल कैंसर से बचाव हेतु 9 वर्ष से 14 वर्ष आयुवर्ग के सभी बालिकाओं को एचपीवी वैक्सिन से टीकाकरण कराये जाने से 98 प्रतिशत तक इस कैंसर से बचाव हो सकता है। एचपीवी टीकाकरण के प्रथम चरण में राज्य के पांच जिलों यथाः पटना, नालंदा, सिवान, पूर्णिया एवं मुजफ्फरपुर में एचपीवी टीकाकरण प्रारम्भ किया गया था। जबकि द्वितीय चरण के तहत राज्य के सभी जिला अस्तपालों, सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पटना एवं आई.जी.आई.एम.एस. अस्पताल, पटना में एचपीवी टीकाकरण को विस्तारित किया जा रहा है।

इस के लिए 22 जनवरी 2025 को राज्य के सभी जिलों के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, संबंधित चिकित्सा पदाधिकारियों/कर्मियों का एचपीवी टीकाकरण पर उन्मुखीकरण किया गया है । इसके पश्चात सभी स्तर पर कार्यरत टीकाकरण से संबद्ध पदाधिकारियों/कर्मियों आदि का उन्मुखीकरण किया जा रहा है। उन्मुखीकरण संबंधित सभी कार्य के पूर्ण हो जाने के बाद सभी जिलों में एचपीवी टीकाकरण 05 फरवरी 2025 को प्रारम्भ किया गया है। इस चरण में कुल 420 स्कूली बच्चियों का टीकाकरण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया l  टीकाकरण के तहत 9 वर्ष से 14 वर्ष आयुवर्ग की लगभग 95 लाख बालिकाओं को निःशुक्ल टीकाकरण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है। एचपीवी टीकाकरण के लिए  जिला का अनुमानित लक्ष्य 3,42,696 निर्धारित है। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि एचपीवी टीकाकरण के माध्यम से राज्य के प्रत्येक बालिका को सर्वाईकल कैंसर से सुरक्षा प्रदान की जा सके और सभी बालिकाएं भविष्य में सर्वाइकल कैंसर ग्रसित होने से सुरक्षित रह सके।

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