मथुरा, Braj Ki Holi 2025: बसंत पंचमी (3 फरवरी) से ब्रज क्षेत्र में होली का महापर्व शुरू होगा। इस दिन लाडलीजी मंदिर, बरसाना में होली का डांढ़ा गाड़ा जाएगा, जिसके साथ 40 दिवसीय रंगोत्सव की शुरुआत होगी। इस खास अवसर पर राधारानी के चरणों में गुलाल अर्पित किया जाएगा और फिर ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में हजारों भक्तों के साथ अबीर-गुलाल से होली खेली जाएगी। इसके बाद लगातार 40 दिनों तक ब्रज के विभिन्न स्थानों पर होली के अनूठे आयोजन होंगे। इनमें लड्डूमार होली, लठ्ठमार होली, फूलों की होली, हुरंगा और रंग पंचमी जैसे विशेष कार्यक्रम शामिल होंगे।
इन आयोजन में मुख्य रूप से ठाकुर राधाबल्लभ, ठाकुर राधामदनमोहन, ठाकुर राधारमणलाल, ठाकुर राधादामोदर जैसे प्राचीन देवालयों में फाग उत्सव मनाया जाएगा। भारत के विख्यात द्वारिकाधीश मंदिर में ढप की धुनों से होली का उल्लास फैलेगा। इसके साथ ही 28 फरवरी को शिवरात्रि पर बरसाना में होली की प्रथम चौपाई का आयोजन किया जाएगा।
होली के प्रमुख कार्यक्रम:
- 03 फरवरी – बसंत पंचमी को बरसाना के लाडलीजी मंदिर में होली का डांढ़ा गाड़ा जाएगा।
- 28 फरवरी – शिवरात्रि पर होली की प्रथम चौपाई लाडलीजी मंदिर से निकाली जाएगी।
- 07 मार्च – फाग आमंत्रण (सखियों का न्यौता), शाम को लाडलीजी महल में लड्डू होली।
- 08 मार्च – बरसाना की रंगीली गली में लट्ठमार होली।
- 09 मार्च – नदगांव में लट्ठमार होली।
- 10 मार्च – वृन्दावन की रंगभरनी होली एवं श्रीकृष्ण जन्मभूमि की होली।
- 10 मार्च – फूलों की होली बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन में।
- 10 मार्च – श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर हुरंगा।
- 11 मार्च – भारत विख्यात द्वारिकाधीश मंदिर में होली।
- 11 मार्च – गोकुल के रमणरेती में होली।
- 12 मार्च – वृंदावन में बांकेबिहारी मंदिर में होली।
- 12 मार्च – शहर में चतुर्वेदी समाज का होली डोला।
- 13 मार्च – फालैन समेत समूचे ब्रज में होलिका दहन।
- 14 मार्च – धुलहड़ी, रंगों की होली।
- 15 मार्च – बल्देव में दाऊजी का हुरंगा।
- 16 मार्च – नंदगांव का हुरंगा।
- 17 मार्च – गांव जाब का परंपरागत हुरंगा।
- 18 मार्च – मुखराई का चरकुला नृत्य।
- 19 मार्च – बठैन हुरंगा।
- 20 मार्च – गिडोह का हुरंगा।
- 21 मार्च – रंग पंचमी, खायरा का हुरंगा।
- 22 मार्च – वृन्दावन रंगनाथजी की होली।
यह होली उत्सव ब्रज के हर कोने में खास तरीके से मनाया जाएगा, और यहां के हर आयोजन में भक्तों की उमड़ी भीड़ और रंगों की बौछार से वातावरण रंगीन हो जाएगा।
- (Edited & Curated by Nitish Kumar Singh)
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