औषधीय गुणों से भरपूर जामुन लोगों के आहार से गायब, बच्चे तो बस चित्र देखकर ही कर जाते हैं संतोष
पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: औष्धीय गुणों से भरपूर जामुन लोगों के आहार से गायब हो गए हैं, अब तो बच्चे इसके चित्र देखकर ही संतोष कर रहे हैं, जबकि बुजूगों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींचती चली जा रही हैं। हरओर से मांग उठने लगी है कि सरकार सडकों के किनारे इमारती लकडी के बजाए, औषधीय गुणों से भरपूर फलदार पेड लगाए, ताकि लोग उसे खाकर अपना स्वास्थ्य ठीक रख सकें। प्रकृति ने जीवों के स्वास्थ्य रक्षा के लिए हर तरह के फल-फूल-कंद को दिया है, जिसे अपने आहार में शामिल कर जीव अपना स्वास्थ्य ठीक रख सकें। इसमें खासकर मनुष्यों के स्वास्थ्य रक्षा के लिए उसके आहार में जामुन का फल शामिल करना बहुत ही महत्वपूर्ण फल माना जाता है, आज वह गायब हो गया है।
यह बता दें कि जबतक क्षेत्र में फलों का संतुलन बना रहा, तबतक लोग स्वस्थ्य दिखते रहे, जैसे-जैसे यहां से बाग-बगीचे कटते चले गए, वैसे-वैसे लोगों के आहार में संतुलन बिगडने लगा तथा वे बीमार पडने लगे। आज ऐसी स्थिति है कि हर परिवार में एक-न-एक व्यक्ति बीमार रहने लगा है। ऐसा लगभग चार दशक पहले तक इस क्षेत्र में जब बाग-बगीचे की भरमार थी, तब लोगों में बीमारियां कम होती थी तथा लोग अस्पताल की ओर कम दौड लगाते थे। इसी में से जामुन का फल स्वास्थ्य को बेहतर रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। इसका हर भाग, फल, पत्ता, जड सहित औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। कुछ इसी कारण तब लोगों में खासकर मधुमेह, हृदय रोग जैसी बिमारियां ना के बराबर होती थीं।
जैसे-जैसे ये क्षेत्र से गायब होने लगे, बिमारियों की संख्या भी बढने लगी। लोग बढती जनसंख्या के बीच अपने हिस्से के बाग-बगीचा से औषधीय गुणों से भरपूर फलों के पेड कटवाते चले गए। आज स्थिति है कि बाग-बगीचा कुछ ही क्षेत्रों में सिमटकर रह गए हैं। उसमें भी अधिकर अब आम के बगीचे ही बच गए हैं। लोगों द्वारा सरकार से मांग की जाने लगी है कि आमलोगों में जमीन की कमी के कारण ऐसे फलों के पेड जिस प्रकार काट दिये गए, अब सरकार सडकों के किनारे इमारती लकडी के पेड लगाने के बदले ऐसे आषधीय पेडों को लगवाए, ताकि लोगों को फिर से यह लोगों के आहार में शामिल हो सके तथा लोग निरोग रह सकें।