PURNIA NEWS : राज को राख बनने से बचा गया… टेटगामा नरसंहार का खुलासा 17 साल के किशोर की हिम्मत से हुआ
PURNIA NEWS,नंदकिशोर सिंह : पूर्णिया के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के टेटगामा गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या की गुत्थी उस वक्त सुलझी, जब परिवार का 17 वर्षीय किशोर किसी तरह जान बचाकर भाग निकला और अपने ननिहाल में जाकर परिजनों को घटना की जानकारी दी। उसी किशोर की गवाही से यह भयावह साजिश सामने आ सकी। बताया गया कि रविवार रात करीब 10–11 बजे दर्जनों लोग मृतक बाबूलाल उरांव के घर पहुंचे। मुख्य आरोपी अपने बीमार भगीना को ठीक कराने के लिए ‘झाड़-फूंक’ का दबाव बना रहा था। आरोप है कि कुछ दिन पहले आरोपी के बेटे की मौत हुई थी, जिसका दोष बाबूलाल पर लगाया गया। जब परिवार ने झाड़-फूंक कराने से मना किया, तो पांचों को पीट-पीटकर मार डाला गया और उनके शवों को ट्रैक्टर पर लादकर तीन किलोमीटर दूर एक पोखर में गाड़ दिया गया।
मारे गए लोग:
1. बाबूलाल उरांव (65 वर्ष)
2. सीता देवी (60 वर्ष), पत्नी
3. मंजीत उरांव (25 वर्ष), पुत्र
4. रानी देवी (22 वर्ष), पुत्रवधू
5. कातो मोस्मात (75 वर्ष), मां बाबूलाल
गिरफ्तारी व बरामदगी:
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है:
छोटू राम (32), टेटगामा
मोहम्मद सनाउल (31), ने कुमरडीह वार्ड 15
नकुल उरांव (28), टेटगामा
घटनास्थल से छह बोरा, एक ट्रैक्टर और तेल से भरा गैलन डब्बा भी बरामद किया गया है। सभी आरोपियों ने पूछताछ में अपना अपराध स्वीकार किया है।
एसपी स्वीटी शेरावत का बयान:
एसपी ने प्रेस को लिखित जानकारी में बताया कि मामले को गंभीर मानते हुए शवों का पोस्टमार्टम विशेष मेडिकल बोर्ड की निगरानी में वीडियोग्राफी के साथ कराया गया। एफएसएल टीम ने सभी वैज्ञानिक साक्ष्य संकलित किए हैं। एसडीपीओ सदर के नेतृत्व में विशेष अनुसंधान टीम (SIT) गठित की गई है। अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।
अंधविश्वास के खिलाफ साक्ष्य बना एक किशोर:
यह घटना केवल सामाजिक क्रूरता नहीं, बल्कि अंधविश्वास की आंधी में इंसानियत के चिथड़े उड़ जाने का प्रमाण है। यदि वह किशोर भागकर सच सामने न लाता, तो शायद यह पूरा मामला भी राख और खामोशी में दफन हो जाता।