सहरसा

SAHARSA NEWS : महान साहित्यकार डॉ मनोरंजन झा की 17वीं पुण्यतिथि समारोह आयोजित

SAHARSA NEWS,अजय कुमार : महान शिक्षाविद राजनीतिक सलाहकार बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी कालजयी रचनाओं के लेखक सदाबहार डॉक्टर मनोरंजन झा की 17वीं पुण्यतिथि गुरुवार को पीजी सेंटर पश्चिमी परिसर में समारोहपूर्वक आयोजित किया गया। पीजी सेंटर के मैथिली विभाग अध्यक्ष डॉ रमन कुमार चौधरी की अध्यक्षता एवं डॉक्टर अरुण कुमार सिंह के संचालन में संपन्न इस कार्यक्रम का उद्घाटन डॉक्टर कुलानंद झा,डॉक्टर रामनरेश सिंह, डॉक्टर जैनेंद्र कुमार,प्रो लाला प्रवीण एवं सत्य प्रकाश के द्वारा दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया गया।वही उनके तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धापूर्वक नमन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मैथिली विभाग की छात्राओं द्वारा गोसाउनिक गीत जय जय भैरवी गीत गायन से किया गया।मुख्य अतिथि पूर्व सिंडीकेट सदस्य डॉक्टर कुलानंद झा ने कहा कि सामाजिक चेतना और समरसता के प्रतीक महान साहित्यकार निडर साहसिक एवं ओजस्वी वक्ता डॉ मनोरंजन बाबू विश्वविद्यालय के साहित्यिक अंचल में हुए काफी लोकप्रिय हुए। विश्वविद्यालय सीनेट के संस्थापक अध्यक्ष हुए। उन्होंने छात्र शिक्षक कर्मचारी के हित के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर उनके आवाज के लिए संघर्षरत रहे। उनके व्यक्तित्व में क्षेत्रीयता व संकीर्णता का नामोनिशान नहीं था। डॉ मनोरंजन बाबू के नाम पर विश्वविद्यालय में चेयर स्थापना एवं आदमकद प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव पारित होने के बावजूद इसे ठंडा बस्ते में डाल दिया गया। उन्होंने इसे शीघ्र स्थापित किये जाने की मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि पीजी सेंटर की स्थापना के लिए वे और मनोरंजन बाबू दोनों ने कठिन संघर्ष कर इसे बचया।

आज इसे पुण: समाप्त करने की साजिश चल रही है। डॉ रामनरेश सिंह ने कहा इनके वाणी की उग्रता में धर्म कर्म व समाज के प्रति प्रेम का लगाव परिलक्षित होता है। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से किसान मजदूर मैथिली भाषा एवं गरीब मजदूरों की वेदना को उजागर किया गया है। प्रोफेसर लाला प्रवीण ने कहा डॉ मनोरंजन झा मिथिला के धरोहर हैं। समाज के लिए इन्होंने बहुत कुछ किया। अब समाज को भी उनके कृतित्व का स्मरण उनके अधूरे कार्यों को पूरा करने का संकल्प लेना है। सिंडिकेट प्रो गौतम कुमार ने कहा वे शिक्षक एवं महान साहित्यकार रहने के बावजूद सामाजिक कार्यों में अग्रणीय भूमिका निभाते थे। समाज के हर कार्य को लेकर वे समय पर उपस्थित रहते थे। इस मौके पर किसलय कृष्ण ने भाषा आंदोलन की प्रति किए गए रचनात्मक रचनाओं का जिक्र करते हुए उन्हें महान भाषा साहित्य के पुरोधा कहा। वहीं जैनेंद्र कुमार, राजन आनंद, उदय कुमार, सिद्धेश्वर कश्यप, रविंद्र कुमार झा फूल बाबू,डॉक्टर अनिल कुमार, सर्व नारायण सिंह, अजय कुमार सिंह बबलू, डॉक्टर संजय वशिष्ट, डॉक्टर अभय कुमार ने कहा की मनोरंजन बाबू समाज की किसी भी विवाद को सुलझाने का प्रयास करते थे। वह समाज और साहित्य के समन्वयक थे। उन्होंने कहा कि हिंदी साहित्य में जिस प्रकार निराला पत्थर तोड़ती महिला केति से प्रसिद्ध हुए इसी प्रकार डॉक्टर मनोरंजन बाबू कविता के माध्यम से गरीब मजदूर की पीड़ा को उकेरा।जिस कारण निराला के करीब माना गया। इस मौके पर नवल कुमार मिश्रा के द्वारा मैथिली गीतों का गायन किया गया।जबकि धन्यवाद ज्ञापन गीता कुमारी के द्वारा दिया गया।वही संध्या कुमारी, देवी कुमारी, आस्था अदिति, मीनाक्षी कुमारी, रूपेश कुमार, राम नारायण, अशोक, शिवजी, सुनील, डॉक्टर प्रशांत कुमार सहित अन्य ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

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