PURNEA NEWS ,आनंद यादुका : भवानीपुर थानाक्षेत्र के रघुनाथपूर पंचायत अंतर्गत महत्वा चाफ में आयोजित होने वाले संतमत सत्संग का आयोजन एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक एवं सामाजिक घटना के रूप में देखने को मिल रहा है। इस आयोजन को लेकर सत्संग प्रेमियों ने बुधवार को सत्संग स्तुति का आयोजन किया, जिसमें भक्तों ने आस्थापूर्वक भव्य आयोजन की सफलता की कामना की। इस दौरान भूमि पूजन एवं ध्वजारोहण भी किया गया, जो इस आयोजन की धार्मिक महत्ता को और भी बढ़ाता है। इस संतमत सत्संग के आयोजन की योजना महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के अनुयायी शंभू मंडल द्वारा तैयार की गई है। मंडल ने बताया कि इस विश्वस्तरीय संतमत सत्संग का आयोजन आगामी 22 एवं 23 अप्रैल को किया जाएगा। कार्यक्रम में पूज्य स्वामी भागीरथ बाबा जी महाराज भागलपुर के कुप्पाघाट से पधारेंगे और उनके दर्शन एवं प्रवचन से सत्संग के भक्त लाभान्वित होंगे। यह आयोजन ग्रामीणों और आसपास के क्षेत्रों के सहयोग से किया जा रहा है, जो समुदाय की एकता और समृद्धि को दर्शाता है। सत्संग का उद्देश्य न केवल आध्यात्मिक उन्नति है, बल्कि यह सामाजिक सौहार्द और भाईचारे को भी बढ़ावा देने का कार्य करता है। सत्संग में भाग लेने से लोग अपने जीवन को सही दिशा में मोड़ सकते हैं, जिससे समाज में शांति और समृद्धि का माहौल बनता है। संतमत सत्संग का यह आयोजन ग्रामीण स्तर पर हो रहा है, इसलिए इस आयोजन का असर स्थानीय जीवन पर सकारात्मक रूप से पड़ेगा।
कार्यक्रम के आयोजन को लेकर अभी से भव्य और आकर्षक पंडाल तैयार किया जा रहा है। पंडाल के साथ-साथ रहने और जल की व्यवस्था भी की जाएगी, ताकि उपस्थित भक्तों को कोई भी असुविधा न हो। आयोजकों का मानना है कि इस विराट सत्संग के आयोजन में लाखों संतमत प्रेमी और सत्संगी पधारेंगे। उनका विश्वास है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से लोग बाबा के प्रवचन को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेंगे, जिससे उनका जीवन उज्जवल और समृद्ध होगा। सत्संग के महत्व को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह लोगों को आत्मिक शांति, मानसिक सुकून और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में भी प्रेरित करता है। संतमत की शिक्षा से जीवन में एक नई दृष्टि का समावेश होता है, जो हर व्यक्ति को अपने जीवन के उद्देश्य को समझने और उसे प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है। इस आयोजन के माध्यम से आयोजक यह संदेश देना चाहते हैं कि जीवन में शांति, सुख और समृद्धि के लिए आत्मनिरीक्षण और धर्म के पथ पर चलना आवश्यक है। सत्संग एक ऐसा माध्यम है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन के कष्टों और कठिनाइयों से उबर सकता है और जीवन में सुख का अनुभव कर सकता है। यह आयोजन निश्चित ही स्थानीय समुदाय में एक नई ऊर्जा और जागरूकता का संचार करेगा, जिससे समाज में धार्मिक, सामाजिक और मानसिक विकास होगा।