Pahalgam Terror Attack Latest Update: पाकिस्तान ने मनाया पहलगाम हमले का जश्न? दिल्ली में पाक उच्चायोग में मंगाया गया केक, वीडियो वायरल
Pahalgam Terror Attack Latest Update: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, के बाद एक विवादास्पद घटना ने भारत में आक्रोश को और भड़का दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में एक व्यक्ति को केक लेकर जाते हुए दिखाया गया है, जिसे कई लोग पहलगाम हमले का “जश्न” मान रहे हैं। इस वीडियो ने भारत में गुस्से की लहर पैदा कर दी है, हालांकि इसकी प्रामाणिकता और संदर्भ पर सवाल उठ रहे हैं।
वायरल वीडियो का विवरण
24 अप्रैल 2025 को सोशल मीडिया पर तेजी से फैले इस वीडियो में एक व्यक्ति को दिल्ली के चाणक्यपुरी में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में केक का डिब्बा लेकर जाते हुए देखा गया। वीडियो में मीडिया कर्मी उस व्यक्ति से सवाल करते हैं कि केक किस अवसर के लिए है, लेकिन वह बिना जवाब दिए अंदर चला जाता है। वीडियो में दिख रहा है कि केक दिल्ली की डिफेंस बेकरी सिन्स 1962 से मंगवाया गया था।
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस घटना को पहलगाम हमले के साथ जोड़ते हुए दावा किया कि यह “पाकिस्तान का नापाक चेहरा” दर्शाता है। एक यूजर ने लिखा, “पहलगाम में 26 लोग मारे गए, और पाकिस्तान उच्चायोग में केक मंगाया जा रहा है। यह शहीदों की शहादत पर तमाचा है।”
भारत में आक्रोश और प्रदर्शन
वीडियो के वायरल होने के बाद पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई, और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। प्रदर्शनकारियों ने इसे असंवेदनशील और उकसावे वाला कदम बताया। गुरुवार सुबह उच्चायोग के बाहर सुरक्षा हटा दी गई थी, जिसके बाद यह घटना सामने आई।
कई राजनेताओं और सार्वजनिक हस्तियों ने इस वीडियो पर गुस्सा जाहिर किया। निशिकांत दुबे ने कहा, “यह न केवल शर्मनाक है, बल्कि पाकिस्तान की मानसिकता को दर्शाता है।” वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे “पाकिस्तान की आतंकी साजिश का हिस्सा” करार दिया।
पाकिस्तान उच्चायोग की चुप्पी
पाकिस्तान उच्चायोग ने इस वीडियो पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। यह स्पष्ट नहीं है कि केक किस अवसर के लिए मंगवाया गया था—क्या यह कोई निजी आयोजन था, जैसे जन्मदिन, या कुछ और। उच्चायोग के कर्मचारी ने मीडिया के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया, जिसने संदेह को और बढ़ा दिया।
पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि
पहलगाम के बायसरण मीडो में हुए हमले में द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF), जो लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन है, ने जिम्मेदारी ली थी। हमले में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक मारे गए। भारत ने इसे पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का परिणाम बताया और जवाब में पांच बड़े कदम उठाए:
- सिंधु जल संधि का निलंबन।
- अटारी-वाघा बॉर्डर बंद।
- राजनयिक संबंधों में कटौती, जिसमें पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों को 7 दिन में भारत छोड़ने का आदेश और उच्चायोग कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 करना।
- SAARC वीजा छूट योजना रद्द।
- डिजिटल स्ट्राइक, जिसमें पाकिस्तान सरकार का X अकाउंट (@GovtofPakistan) भारत में सस्पेंड करवाया गया।
इसके अतिरिक्त, भारत ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया और पाकिस्तान में भारतीय दूतावास को बंद करने का फैसला लिया।
क्या है वीडियो की सच्चाई?
हालांकि वीडियो ने व्यापक आक्रोश पैदा किया है, लेकिन इसकी प्रामाणिकता और संदर्भ की पुष्टि नहीं हुई है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह वीडियो भ्रामक हो सकता है और इसका पहलगाम हमले से कोई संबंध नहीं हो सकता। साइबर विशेषज्ञ प्रो. त्रिवेणी सिंह ने कहा, “ऐसे वीडियो भावनाओं को भड़काने के लिए आसानी से गलत संदर्भ में पेश किए जा सकते हैं। जांच के बिना निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं।”
भारतीय खुफिया एजेंसियां इस वीडियो की जांच कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि केक किस उद्देश्य से मंगवाया गया और क्या यह वास्तव में हमले से जुड़ा था। गृह मंत्रालय ने इस मामले में सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया है।
भारत की जवाबी कार्रवाइयां
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पहले ही पाकिस्तान पर कूटनीतिक, आर्थिक और डिजिटल दबाव बनाना शुरू कर दिया है। वायरल वीडियो के बाद भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग के खिलाफ और सख्ती की मांग तेज कर दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हम इस घटना की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। यदि यह सच पाया गया, तो यह पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक मानसिकता को उजागर करेगा।”
जनता और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर #BoycottPakistan और #PahalgamAttack जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कई संगठनों ने दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के खिलाफ बड़े प्रदर्शन की योजना बनाई है। विपक्षी दलों ने भी सरकार से इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, “यह निंदनीय है। सरकार को इसकी पूरी जांच कर तत्काल जवाब देना चाहिए।”