Explainer: ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति पर भारत को चुनौती, डिजिटल टैक्स और व्यापारिक रिश्तों पर असर
नई दिल्ली: Explainer अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति एक बार फिर चर्चा में है। ट्रंप ने हाल ही में डिजिटल सेवा कर को लेकर भारत और अन्य देशों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी, और कहा कि यदि ये देश अमेरिकी कंपनियों पर टैक्स लगाते हैं, तो अमेरिका इन देशों के सामान पर जवाबी शुल्क लगा सकता है।
भारत सरकार ने 2020 में डिजिटल सेवा कर लागू किया था, जिसके तहत विदेशी कंपनियों को भारत में अपनी डिजिटल सेवाओं से होने वाली आय पर 2% टैक्स देना होता है। ट्रंप इसे अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ भेदभाव मानते हुए इसे खत्म करने की मांग कर रहे हैं। इस स्थिति का भारत के व्यापारिक रिश्तों पर असर पड़ सकता है, खासकर आईटी सेक्टर और निर्यात पर।
अगर ट्रंप अपनी नीति में सख्ती लाते हैं, तो भारतीय सामान महंगे हो सकते हैं और आईटी क्षेत्र को नुकसान हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के रिश्ते कूटनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, और ट्रंप का दबाव भारत के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकता है। अब यह देखना होगा कि भारत सरकार इस मामले में किस रास्ते पर चलती है और प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच रिश्ते किस तरह से प्रभावित होते हैं।