Gold Rates Today : भारतीय सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों ने नया इतिहास रच दिया है। 24 कैरेट सोने का भाव ₹98,350 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है, जो पिछले दिन की तुलना में ₹770 की तेजी दर्शाता है। दिल्ली, लखनऊ और अन्य प्रमुख शहरों में करों सहित सोने की कीमत ₹99,410 से ₹99,950 प्रति 10 ग्राम तक जा रही है, जो ₹1 लाख के जादुई आंकड़े को छूने की कगार पर है। 22 कैरेट सोना ₹90,150 प्रति 10 ग्राम और 18 कैरेट सोना ₹73,760 प्रति 10 ग्राम के आसपास कारोबार कर रहा है। इस अभूतपूर्व उछाल ने निवेशकों और उपभोक्ताओं में उत्साह के साथ-साथ चिंता भी पैदा की है। सवाल यह है कि क्या सोने की यह चमक बरकरार रहेगी?
सोने की कीमतों में उछाल के पीछे क्या?
सोने की कीमतों में इस तेजी के पीछे वैश्विक और घरेलू कारकों का मिश्रण है। विशेषज्ञों के अनुसार, निम्नलिखित कारण सोने को निवेशकों का पसंदीदा बना रहे हैं:
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वैश्विक अनिश्चितताएं और भू-राजनीतिक तनाव
अमेरिका और चीन के बीच चल रहा व्यापार युद्ध (ट्रेड वॉर) और डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियां वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता पैदा कर रही हैं। गाजा में इजरायल के सैन्य अभियानों जैसे भू-राजनीतिक तनावों ने सोने को ‘सुरक्षित निवेश’ (सेफ हेवन) के रूप में और आकर्षक बना दिया है। 2025 में अब तक सोने की कीमतों में 26% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो इसकी मजबूत मांग को दर्शाता है। -
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियां
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीतियों का सोने की कीमतों पर सीधा असर पड़ता है। अगर फेड ब्याज दरों में कटौती करता है, तो यह गैर-उपज वाली संपत्तियों को रखने की अवसर लागत को कम करके सोने को अधिक आकर्षक बना सकता है। इसके विपरीत, ट्रम्प की नीतियों से संभावित रूप से मजबूत अमेरिकी डॉलर, सोने की कीमतों पर नीचे की ओर दबाव डाल सकता है। -
भारत में मांग का दबाव
भारत में त्योहारी और शादी का सीजन शुरू होने वाला है, जिससे सोने की मांग में तेजी आती है। यह मौसमी मांग, आयात शुल्क (इम्पोर्ट ड्यूटी) और आपूर्ति की स्थिति के साथ मिलकर कीमतों को और ऊपर ले जा रही है।
क्या सोना ₹1 लाख के पार जाएगा?
विशेषज्ञों के बीच सोने की भविष्यवाणियों को लेकर मतभेद हैं। गोल्डमैन सैक्स ने अपनी भविष्यवाणी को संशोधित करते हुए कहा है कि यदि व्यापार युद्ध और मंदी का जोखिम बढ़ता है, तो 2025 के अंत तक सोना $4,500 प्रति औंस (लगभग ₹1.25 लाख प्रति 10 ग्राम) तक पहुंच सकता है। वहीं, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा अनिश्चितताएं पहले ही कीमतों में शामिल हो चुकी हैं, और बिना किसी बड़ी वैश्विक घटना (जैसे युद्ध या नीतिगत बदलाव) के ₹1 लाख का स्तर जल्दी पार करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर जून 2025 के गोल्ड फ्यूचर्स ₹96,580 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहे हैं, जो 1.39% की वृद्धि दर्शाता है। अल्पकालिक दृष्टिकोण में, अगले सप्ताह सोने की कीमतें ₹7,021 से ₹7,395 प्रति ग्राम के बीच रह सकती हैं। हालांकि, बाजार की अस्थिरता के कारण हल्की गिरावट भी संभव है।
दीर्घकालिक नजरिए से, सोने का ऐतिहासिक पैटर्न (हर 8-9 साल में कीमत तीन गुना) 2030 तक ₹2 लाख प्रति 10 ग्राम की संभावना को बल देता है। यह सोने को दीर्घकालिक निवेश के लिए आकर्षक बनाता है।
निवेशकों के लिए रणनीति
सोने की मौजूदा कीमतों और भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए निवेशकों को निम्नलिखित रणनीतियों पर विचार करना चाहिए:
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अल्पकालिक निवेशक: डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ETF, या गोल्ड फ्यूचर्स में निवेश करें। कीमतों में सुधार (corrections) के दौरान खरीदारी फायदेमंद हो सकती है।
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दीर्घकालिक निवेशक: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGB) या फिजिकल गोल्ड (सिक्के/बार) में निवेश सुरक्षित और लाभकारी हो सकता है। विशेषज्ञ पोर्टफोलियो का 10-12% हिस्सा सोने में रखने की सलाह देते हैं।
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जोखिम प्रबंधन: अमेरिकी ब्याज दरों, डॉलर की मजबूती, और वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर नजर रखें। किसी वित्तीय सलाहकार से परामर्श अनिवार्य है।
सोने की कीमतें वर्तमान में ऐतिहासिक उच्च स्तर पर हैं और वैश्विक अनिश्चितताओं, व्यापार युद्ध, और भारत में मौसमी मांग के दम पर ₹1 लाख का आंकड़ा जल्द ही पार कर सकती हैं। हालांकि, अल्पकालिक सुधार और डॉलर की मजबूती जैसे कारक कीमतों पर दबाव डाल सकते हैं। निवेशकों को सतर्कता के साथ बाजार के रुझानों पर नजर रखनी चाहिए और अपनी रणनीति को वित्तीय लक्ष्यों के अनुरूप बनाना चाहिए।