India-Pakistan Tensions वैश्विक मंच पर बेनकाब होगा पाक, ‘आतंकिस्तान’ की हर करतूत बताने के लिए सरकार ने बनाया प्लान; शशि थरूर को मिला अहम जिम्मा
India-Pakistan Tensions ,नई दिल्ली: भारत सरकार ने पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर ‘आतंकिस्तान’ के रूप में बेनकाब करने के लिए एक विस्तृत कूटनीतिक योजना बनाई है, जिसके तहत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अनुभवी कूटनीतिज्ञ शशि थरूर को एक अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और पाकिस्तान द्वारा लगातार फैलाए जा रहे दुष्प्रचार के बाद भारत ने यह कड़ा कदम उठाया है।
थरूर करेंगे अमेरिकी दौरे का नेतृत्व:
सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष मजबूती से रखने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों के कई प्रतिनिधिमंडल विदेशों में भेजने का फैसला किया है। इनमें से एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व शशि थरूर करेंगे, जो अमेरिका का दौरा करेंगे। थरूर के कूटनीतिक अनुभव और संयुक्त राष्ट्र में सेवा का लंबा इतिहास इस अभियान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती देने वाला साबित हो सकता है।
सरकार का बहुदलीय दृष्टिकोण:
इस योजना के तहत, संसदीय कार्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने मिलकर यह पहल की है, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों, जैसे भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी), जनता दल (यूनाइटेड), बीजू जनता दल, माकपा और कुछ अन्य दलों के सांसदों को शामिल किया गया है। यह दर्शाता है कि आतंकवाद जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष एकजुट हैं।
मिशन का उद्देश्य:
इन संसदीय प्रतिनिधिमंडलों का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह समझाना होगा कि:
- भारत को सीमा पार आतंकवाद से किस तरह की गंभीर चुनौतियां मिल रही हैं।
- भारत ने पाकिस्तान में पल रहे आतंकी ठिकानों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई (जैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’) क्यों की।
- यह कार्रवाई भारत की संप्रभुता की रक्षा और नागरिकों की सुरक्षा के लिए क्यों जरूरी थी।
- पाकिस्तान की दोहरी नीतियों और आतंकवाद में उसकी भूमिका को तथ्यों के साथ उजागर करना।
ये प्रतिनिधिमंडल थिंक टैंकों, विदेशी सरकारों, मीडिया और नीति-निर्माताओं के साथ संवाद कर भारत का पक्ष प्रस्तुत करेंगे। शशि थरूर के नेतृत्व में अमेरिकी दौरा पाकिस्तान के आतंकी संबंधों और उसकी दोहरी नीतियों को बेनकाब करने पर केंद्रित होगा।
पाकिस्तान पर बढ़ेगा दबाव:
भारत की यह पहल वैश्विक समुदाय के बीच एक सशक्त संदेश होगी कि आतंकवाद के मामले में भारत बिल्कुल भी समझौता नहीं करता। इससे पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने की संभावना है, खासकर आतंकवाद के वित्तपोषण और अपनी धरती से संचालित होने वाले आतंकी समूहों पर कार्रवाई न करने के लिए। यह कदम भारत की छवि को मजबूत करेगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अधिक समर्थन हासिल करने में मदद करेगा। बताया जा रहा है कि ये प्रतिनिधिमंडल 22 मई के आसपास विदेश यात्रा पर रवाना होंगे।