NEW DELHI : अमेरिका में एक भारतीय मूल के व्यक्ति को 35 साल की सजा सुनाई गई है, जिसकी करतूत सुनकर हर कोई हैरान और शर्मिंदा है। 31 साल के साई कुमार कुर्रेमुला, जो ओक्लाहोमा के एडमंड शहर में अप्रवासी वीजा पर रह रहा था, को बच्चों के यौन शोषण और चाइल्ड पोर्नोग्राफी के गंभीर अपराधों में दोषी पाया गया। अमेरिकी जिला न्यायाधीश चार्ल्स गुडविन ने उसे 420 महीने (35 साल) की जेल और आजीवन निगरानी की सजा सुनाई।
अभियोजन के अनुसार, कुर्रेमुला ने सोशल मीडिया ऐप स्नैपचैट के जरिए कम से कम 19 नाबालिगों का शोषण किया। वह 13-15 साल के लड़के के रूप में अपनी पहचान छिपाकर बच्चों का भरोसा जीतता था। इसके बाद वह उन्हें अश्लील तस्वीरें भेजने के लिए मजबूर करता था। जब बच्चे मना करते, तो वह उन्हें धमकी देता—किसी को उसके घर जाकर माता-पिता को तस्वीरें दिखाने, परिवार को गोली मारने, या तस्वीरें सार्वजनिक करने की। उसने तीन नाबालिगों के खिलाफ ऐसे कृत्य स्वीकार किए।
अमेरिकी अटॉर्नी रॉबर्ट ट्रोस्टर ने कहा, “इस शख्स ने बच्चों की मासूमियत छीनी और उन्हें जीवनभर के लिए आघात दिया। 35 साल की सजा इस अपराध की गंभीरता को दर्शाती है।” एफबीआई के विशेष एजेंट डग गुडवॉटर ने इसे “घृणित कृत्य” करार देते हुए कहा कि ऐसे अपराधियों को सजा दिलाने के लिए वे प्रतिबद्ध हैं। यह मामला भारत और अमेरिका दोनों के लिए शर्मिंदगी का सबब बन गया है, जो बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठाता है। कुर्रेमुला की सजा उसके अपराधों की भयावहता का सबूत है।