सहरसा

SAHARSA NEWS : महिला संवाद : साकार होंगे सपने, जरूरी है योजनाओं में बदलाव

SAHARSA NEWS,अजय कुमार:  ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएँ अब अपने सपनों और आकांक्षाओं को खुलकर व्यक्त कर रही हैं । राज्य सरकार की पहल, महिला संवाद कार्यक्रम, उनके लिए उम्मीदों का एक ऐसा मंच साबित हो रहा है, जहाँ वे न केवल अपनी समस्याओं को उजागर कर रही हैं, बल्कि विकास की नई संभावनाओं की ओर भी इशारा कर रही हैं । इस कार्यक्रम के माध्यम से महिलाएँ अपनी अपेक्षाओं और आवश्यकताओं को सीधे सरकार तक पहुँचा रही हैं, वहीं सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर अपने जीवन में हुए बदलाव को साझा कर दूसरों को प्रेरित भी कर रही हैं ।
महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन जिले के सभी प्रखंडों के 168 ग्राम संगठनों में सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है । अब तक कुल 40,000 से अधिक महिलाएँ इस कार्यक्रम में भाग ले चुकी हैं । प्रत्येक कार्यक्रम में महिलाओं को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी जा रही है । वीडियो फिल्म के माध्यम से योजनाओं की विस्तृत जानकारी साझा की जा रही है, जिसमें जीविका, नल-जल योजना, महिला उद्यमिता, शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ प्रमुख हैं । संवाद के दौरान महिलाएँ अपनी आकांक्षाएँ खुलकर साझा कर रही हैं और उनकी ऑनलाइन प्रविष्टि की जा रही है ।

महिलाओं की अपेक्षाओं में स्वच्छ और सुंदर गाँव, गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था, और नल-जल योजना में सुधार जैसी बुनियादी जरूरतें प्रमुख रूप से सामने आई हैं । साथ ही, वे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित करने की मांग कर रही हैं ताकि उनके बच्चों को रोजगार के लिए दूर प्रदेश न जाना पड़े । रोजगार के साथ-साथ महिलाएँ गाँव में शिक्षण और प्रशिक्षण के अधिक अवसर चाहती हैं, ताकि वे स्वयं आत्मनिर्भर बन सकें।कार्यक्रम के दौरान यह भी देखने को मिला कि कई महिलाएँ सरकारी योजनाओं से लाभान्वित होकर उद्यमिता और स्वरोजगार के क्षेत्र में अपने कदम बढ़ा चुकी हैं । वे अब अपने अनुभव साझा कर अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं । सत्तर कटैया प्रखंड के बरहशेर गाँव के संवाद कार्यक्रम में भाग लेने वाली सुमित्रा देवी ने बताया कि जीविका के माध्यम से उन्हें एक नई दिशा मिली है । वहीं रानी देवी ने अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए साइकिल योजना को सहारा बताते हुए सरकार के प्रयासों की सराहना की ।महिला संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत महिलाओं की आकांक्षाओं को संकलित कर सरकार तक पहुँचाया जा रहा है । इन आकांक्षाओं और सुझावों के आधार पर सरकार अपनी नीतियों में आवश्यक बदलाव करेगी । यह कार्यक्रम न केवल महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि नीति-निर्माण में आम महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कर रहा है।गाँव की महिलाएँ अब केवल योजनाओं की लाभार्थी नहीं हैं,बल्कि नीति-निर्माण में सहभागी भी बन रही हैं। उनकी आकांक्षाएँ इस बात का प्रमाण हैं कि वे केवल अपनी समस्याओं का समाधान नहीं चाहतीं, बल्कि अपने गाँव और समाज के समग्र विकास में सक्रिय भूमिका निभाना चाहती हैं।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *