पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: PURNIA NEWS प्रखंड के बडी शिशवा गांव में शुक्रवार को ठाकुर अनुकूलचंद्र जी का 137 वां जन्मोत्सव बडेे धूमधाम एवं हर्षोल्लास के बीच मनाया गया। इसका शुभारंभ प्रातःकालीन प्रार्थना व धर्मग्रंथों के पाठ से किया गया। इसके उपरांत भजन-कीत्र्तन के साथ शोभा यात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा तेलडीहा गांव स्थित श्रवण साह के निवास स्थित ठाकुर अनुकूलचंद्रजी महाराज के मंदिर से निकली तथा महोत्सव स्थल बडी शिशवा होते हुए तेलडीहा गांव स्थित गायत्री मंदिर की परिक्रमा कर, फिर से महोत्सव स्थल पर पहुंची। इसमें भगवान विष्णु का रथ साथ-साथ चल रहा था। इसमें बडी संख्या में महिला एवं पुरूष श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
महोत्सव पर ठाकुरजी के ऋत्विक परमपूज्य श्रीश्री आचार्य देव ने श्रद्धालुओं का ज्ञानवर्द्धन करते हुए अपने प्रवचन में कहा कि मानव जब-जब अपने सत्य मार्ग को छोडकर असत्य के मार्ग पर चलने लगता है, तब-तब भगवान विष्णु को मनुष्य का शरीर धारण कर, पृथ्वी पर आना पडता है। सत्य का मार्ग दिखाने के लिए त्रेता युग में श्रीराम के रूप में, द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के रूप में एवं कलियुग में ठाकुर अनुकूलचंद्रजी महाराज के रूप में अवतरण हुआ। ठाकुरजी को पूरा विश्व जानती है और सभी जगह इनका सतसंग होता है। जो भी व्यक्ति ठाकुरजी से प्रेम करेंगे, वे ही ठाकुरजी को जान पाएंगे। उन्होंने कहा कि ठाकुर अनुकूलचंद्र जी महाराज चाहते थे कि सभी आपस में प्रेम करें।
इनका जन्म 14 सितंबर 1888 को बंगला देश के पबना जिले के हिमायतपुर में हुआ था। उनका ब्राहमण परिवार में अवतरण हुआ था। वे एक होमियोपैथिक चिकित्सक एवं आध्यात्मिक गुरू थे। वे झारखंड के देवघर स्थित संतसंग के संस्थापक थे। उनका निधन 27 जनवरी 1969 को हुआ था। इनके अलावा अन्य ऋत्विकों ने भी ठाकुर अनुकूलचंद्रजी महाराज के बारे में बताया तथा श्रद्धालुओं का ज्ञानवर्द्धन किया। इस अवसर पर प्रमुख प्रतिमा कुमारी, सामाजिक कार्यकत्र्ता गोपाल मंडल, श्रवण साह, सुनील मंडल सहित हजारो की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।