पूर्णिया

PURNIA NEWS : नरेंद्र सिंह पिता भोला सिंह उम्र लगभग 65 साल परंतु पूर्ण रूप से स्वस्थ थे।

PURNIA NEWS : चार भाइयों में ये अकेले बचे थे।शिक्षक थे। इन्हें दो लड़का एवं एक लड़की है। बड़े लड़के राजू उम्र 30 वर्ष बताई जा रही है। का इलाज अभी मेदांता में भर्ती है।पैर फ्रैक्चर हो गया है।लड़की रूबी की शादी हो गई है।छोटे बेटे का नाम अभिषेक उम्र लगभग 27 वर्ष है। कंपनी जिसका हाईवा था उसका नाम नवयुगा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड है। हाईवा का नंबर BRO 3GA–5719 है। एक्सीडेंट के बाद गाड़ी चालक फरार हो गया। ग्रामीणों द्वारा बताया जा रहा है कि नरेंद्र सिंह अपने बेटे राजू के साथ गंगा स्नान कर अपने खेत इत्यादि को देखते हुए वापस घर आ रहे थे। गांव की अधिकतर लोगों का कहना है कि कंपनी की जो हाईवे चलाई जाती है जो मिट्टी गिट्टी या अन्य तरह के समान धोते हैं वास्तविक चालक नहीं होते हैं या तो खलासी होता है या कोई दो ₹300 रोज पर आया हुआ व्यक्ति होता है जो वास्तव में ट्रेन ड्राइवर नहीं होता है। हाईवे द्वारा कई लोगों का एक्सीडेंट पहले भी हो चुका है और कई जानवरों को पहले भी कुचला जा चुका है। ग्रामीणों के बार-बार शिकायत करने के बाद भी कंपनी द्वारा हाईवे ड्राईवर पर लगाम नहीं कसा गया और ना ही लाइसेंसी ड्राइवर द्वारा गाड़ी चलाने की प्रक्रिया शुरू की गई। लोगों कॉकरोच खासकर इस बात को लेकर और है कि वहां के केयरटेकर जिसका नाम जोसेफ है एवं सेकंड केयर टेकर जिसे लोग चौहान चौहान कहकर बोल रहे थे इन लोगों ने मानवता नहीं दिखाते हुए इनकार किया कि मेरी गाड़ी ने धक्का नहीं मारा है और मेरी गाड़ी से मौत नहीं हुई है। ग्रामीणों ने जब उनसे मदद मांगा कि आप गाली दें जिससे अस्पताल ले जा सके परंतु उन लोगों ने कहा आप लोग अपनी गाड़ी से ले जाइए। मोदीनगर थाना से आई पुलिस ने जांच की बात कही है। ग्रामीणों द्वारा कंपनी से बात भी की जा रही है।

मटियार गांव के सैकड़ो ग्रामीण कंपनी के खिलाफ में है। उन लोगों का कहना है कि नरेंद्र बाबू एक बेहतरीन शिक्षाविद थे और उनकी मौत से एवं बड़े बेटे के भयंकर एक्सीडेंट से परिवार की रीड टूट गई है। लोगों का शिकायत है कि कंपनी के जितने भी लोग हैं वह संवेदनहीन हैं। इस एक्सीडेंट से लोग इतने आक्रोशित थे कि उनके सब को लेकर कंपनी के गेट पर रखकर उचित न्याय एवं मुहावजे की मांग करने लगे।बताते चलें कि नवयुग कंपनी द्वारा बख्तियारपुर ताजपुर नेशनल हाईवे फोर लाइन बनाया जा रहा है। सरकारी उदासीनता तथा कंपनियों के काम को प्रधानता नहीं देने के कारण यह सड़क एवं यहां का पुल लगभग 10 वर्षों से अब तक बन ही रहा है कब तक बनेगा इसका ठिकाना नहीं है। फिलहाल इस दर्दनाक हादसे के बाद स्वर्गीय नरेंद्र सिंह के परिवार और उनके गांव के लोग तथा आसपास के गांव के लोग इकट्ठे हैं और उनका कहना है की कंपनी को तब तक बच्चा नहीं जाएगा जब तक कंपनी उचित मुहावरा नहीं देती है और अपने कार्यों में ड्राइवर में सुधार नहीं लाती है।

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