PURNIA NEWS विमल किशोर : अमौर प्रखंड मुख्यालय स्थित रेफरल अस्पताल में कार्यरत डाटा ऑपरेटर, बीसीएम और एकाउंटेंट की मनमानी आम जनजीवन पर भारी पड़ रही है। कार्यालय मनमाने ढंग से खोला जाता है और सरकारी समय का पालन नहीं किया जाता, जिससे इलाज और अन्य कार्यों को लेकर मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को दिन के 11 बजे तक भी कार्यालय बंद था, जिससे जच्चा-बच्चा सेवाओं के लिए आई महिलाओं को घंटों इंतजार करना पड़ा। इतना ही नहीं, अस्पताल में तैनात दंत चिकित्सक अब तक कभी क्लीनिक में नहीं बैठे हैं, जबकि लाखों रुपये की लागत से मंगाए गए उपकरण धूल फांक रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल प्रखंड के 24 पंचायतों के लिए एकमात्र चिकित्सा केंद्र है, इसलिए मरीजों की संख्या रोजाना अधिक रहती है। इसके बावजूद कर्मचारियों की गैरजिम्मेदारी व्यवस्था को प्रभावित कर रही है। जब इस विषय में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एहतामुल हक से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा, “मैं क्या कर सकता हूं।” मरीजों ने इस अव्यवस्था की जांच कर कार्यालय को समय पर खुलवाने की मांग सिविल सर्जन से की है।