PURNIA NEWS : रुपौली थाना क्षेत्र के बहुदूरा बस्ती की एक महिला ने अपने मायके सुपौल जिले के पिपरा थाना में पति और ससुराल पक्ष के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया था। महिला का आरोप था कि शादी के बाद से ही उसे दहेज के लिए मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रताड़ित किया गया। हालांकि, समय के साथ रिश्तों में आई खटास को दूर करने की पहल दोनों पक्षों ने की। महिला और उसके पति ने एक-दूसरे से संवाद किया, मन की बात साझा की और यह स्वीकार किया कि आपसी संवाद और समझ ही हर रिश्ते की नींव होती है। बातचीत के दौरान दोनों ने पुराने शिकवे भुलाकर साथ रहने की इच्छा जताई। इसके बाद केंद्र की मदद से उन्हें मिलाया गया और वे प्रसन्नता के साथ एक नए सिरे से अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत करने के लिए अपने-अपने घर लौट गए।
इसी केंद्र में बायसी थाना क्षेत्र से जुड़ा एक मामला भी सामने आया, जिसमें एक विवाहिता ने बताया कि वह अपने पति के साथ प्रेमपूर्वक और विश्वास के साथ रह रही है। लेकिन विवाह के बाद किसी व्यक्ति ने फोन कर यह कहकर धमकाया कि “मैं तुमसे शादी करना चाहता था, तुमने किसी और से क्यों की”, और फिर उसके साथ कथित रूप से दुष्कर्म किया। आरोपी पहले से ही एक मामले में जेल में बंद है। चूंकि पति-पत्नी के बीच भरोसे की डोर मजबूत थी और किसी प्रकार की पारिवारिक कलह नहीं थी, इसलिए केंद्र ने उन्हें मुक्त कर दिया।
इन मामलों की सुनवाई महिला संवाद एवं परामर्श केंद्र में की गई, जहाँ संयोजिका, महिला थाना अध्यक्ष आर्य पृथ्वी नायडू, सदस्य दिलीप कुमार दीपक, स्वाति वैश्यंत्री, बबीता चौधरी, जीनत रहमान, रविंद्र शाह, प्रमोद जायसवाल एवं कांस्टेबल सुनील कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कुल 30 मामलों की सुनवाई के दौरान 4 मामलों का सफल निपटारा किया गया, जिनमें से दो उजड़ी हुई गृहस्थियों को फिर से जोड़ दिया गया।