पूर्णिया: जिले को कालाजार मुक्त बनाने के लिए मंगलवार को राज्य स्वास्थ्य विभाग और सहयोगी संस्थाओं ने राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय में एकदिवसीय कार्यशाला की, जिसमें जिला अधिकारियों को मरीजों की पहचान, सर्वे और इलाज की नई रणनीति बताई गई। केंद्रीय स्वास्थ्य टीम जल्द ही पूरे जिले के ब्लॉक-गांवों का दौरा करेगी।

इसी दिन सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार कनौजिया की अध्यक्षता में CHO की त्रैमासिक बैठक हुई, जिसमें सख्त निर्देश दिया गया कि
- हर आयुष्मान आरोग्य मंदिर/हेल्थ वेलनेस सेंटर पर महीने में कम से कम 300 मरीजों की OPD जरूरी
- APHC में 1800 मरीजों की जांच हो
- गैर-संचारी रोगों (डायबिटीज, BP, कैंसर आदि) की स्क्रीनिंग अनिवार्य
- हर महीने जनप्रतिनिधियों के साथ जन आरोग्य समिति की बैठक हो
सिविल सर्जन ने कहा, “193 तरह की दवाएं APHC और 148 तरह की दवाएं वेलनेस सेंटर में उपलब्ध हैं, बस इनका सही इस्तेमाल हो। गंभीर मरीजों को तुरंत ऊपर रेफर करें।” NCD अधिकारी डॉ. सुभाष कुमार सिंह ने टेलीकंसल्टेशन और नियमित स्क्रीनिंग पर जोर दिया। बैठक में डीपीएम सोरेंद्र दास, डीपीसी डॉ. सुधांशु शेखर, यूनिसेफ-पीरामल के प्रतिनिधि समेत सभी प्रखंडों के CHO मौजूद रहे।

