SAHARSA NEWS, अजय कुमार : उच्च न्यायालय पटना द्वारा मान्यता प्राप्त अनुदानित महाविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए वेतन, बकाया भुगतान और पेंशन सहित सभी प्रकार के सुविधाएं तीन महीने के अंदर देने के न्यायादेश पर खुशी जाहिर करते हुए पूर्व विधान परिषद प्रत्याशी डॉ संजीव कुमार झा ने कहा कि विगत तीन दशकों से शिक्षक और कर्मचारी राज्य सरकार से गुहार लगाते रहे और सरकार अनदेखी करती रही लेकिन आखिरकार उच्च न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मानवीय और नैसर्गिक न्याय किया । विदित हो कि इन महाविद्यालयों के पास आधारभूत संरचना, योग्य शिक्षक, दक्ष कर्मचारी, वर्ग कक्ष, पुस्तकालय, प्रयोगशाला और उपस्कर इत्यादि सरकारी मानकों के अनुसार है लेकिन शोषणकारी रवैए के सरकार ने इन्हें इनके वाजिब हक से वंचित रखने का काम किया। जबकि ग्रामीण और गरीब परिवार के अधिकांश लड़के एवं लड़कियों इन्हीं संस्थानों से उच्च शिक्षा ग्रहण कर राज्य और केंद्र सरकार के उच्च पदों पर काम कर रहे हैं। लेकिन वेतन के नहीं मिलने के कारण इन शिक्षकों की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो चुकीं हैं कि कई शिक्षक बीमार पड़ने पर समुचित उपचार और दवा के अभाव में असमय काल कवलित हो गए। डॉ झा ने पत्र के माध्यम से सरकार से आग्रह किया कि इस पारित न्यायादेश को चुनौती देने के बजाय इसे अक्षरशः स्वीकार कर अनुदानित संस्थानों के अहर्ता प्राप्त शिक्षक और कर्मचारी को योगदान की तिथि से वेतन और पेंशन देने की कृपा की जाए।