SAHARSA NEWS : छोटी नदियों का अस्तित्व खतरे में, समाज को आगे आकर लड़नी होगी लड़ाई” – नदी संवाद में ओम प्रकाश भारती का भावपूर्ण वक्तव्य
SAHARSA NEWS,अजय कुमार : कला ग्राम, सहरसा में शुक्रवार को नदी मित्र इकाई द्वारा आयोजित “नदी संवाद” कार्यक्रम में नदी मित्र ओम प्रकाश भारती ने छोटी नदियों के संरक्षण और अस्तित्व पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जैसे भारत में छोटे लोगों को अपने अस्तित्व के लिए लड़ना पड़ता है, वैसे ही छोटी नदियों को भी संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि बड़ी नदियां पूज्य हैं, मातृवत मानी जाती हैं और उनके साथ एक सांस्कृतिक जुड़ाव होता है, लेकिन छोटी नदियों की उपयोगिता कहीं ज्यादा है। ये नदियां बरसात के दिनों में उग्र होकर अपने अस्तित्व का बोध कराती हैं, लेकिन साल भर खेतों की सिंचाई, पशुओं के जल आपूर्ति और सामाजिक जीवन की ज़रूरतें पूरी करती हैं। भारत की लगभग 70% सामाजिक ज़रूरतें छोटी नदियों से पूरी होती हैं।
ओम प्रकाश भारती ने कहा कि छोटी नदियां ही बड़ी नदियों को जल देती हैं और उनका आधार बनती हैं, लेकिन उन्हें राजस्व रिकॉर्ड में ‘नाला’ बना दिया गया है। चम्पा नाला (भागलपुर), नाग नदी (नागपुर), अस्सी नाला (वाराणसी), मीठी नदी (मुंबई) जैसी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नदियों का नाम तक मिटा दिया गया है। उन्होंने सरकार से अपील की कि इन नदियों के वहन क्षेत्र की ज़मीन का अधिग्रहण कर उचित मुआवजा दिया जाए और भूमि हड़पने वालों पर कठोर कानून बने।
उन्होंने भावुक स्वर में कहा – “छोटे लोग लड़ सकते हैं, लेकिन नदियां नहीं। वे कोर्ट-कचहरी नहीं जा सकतीं, उनके लिए समाज को ही लड़ना होगा।” कार्यक्रम में देशभर के पर्यावरणविदों, समाजशास्त्रियों और नदी संरक्षण कार्यकर्ताओं ने ऑनलाइन माध्यम से अपने विचार रखे। डॉ. महेन्द्र ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।