SAHARSA NEWS,अजय कुमार : जिले के सिहौल निवासी होनहार छात्र आयुष आनंद की हत्या के मामले में निष्पक्ष न्याय की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया। आयुष आनंद के इस हृदय विदारक और पीड़ादायक घटना को घटे 30 दिन हो चुके हैं लेकिन पुलिस या प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। वही बार-बार संबंधित अधिकारियों से निवेदन करने के बावजूद आज तक परिवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक नहीं दी गई है। इसके कारण घटना से आक्रोशित होकर बड़ी संख्या में लोगों ने पुलिस प्रशासन के विरुद्ध जुलूस निकालकर एक दिवसीय शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। पूर्व जिला पार्षद प्रवीण आनंद के नेतृत्व में शंकर चौक से जुलूस निकालकर डीबी रोड,थाना चौक समाहरणालय होते हुए धरना स्थल पर पहुंचकर सभा का आयोजन किया गया। मृतक के शोकाकुल पिता संजय कुमार सिंह ने बताया कि मेरा इकलौता पुत्र आयुष आनंद शहर के हटिया गाछी स्थित लॉज में रहकर पढ़ाई कर रहा था जो काफी होनहार था लेकिन साजिश के तहत 12 जून को उसकी निर्मम हत्या कर उसके शव को फांसी लगाने का अप्राकृतिक दृश्य उपस्थित किया गया।उन्होंने कहा कि हृदय विदारक और पीड़ा दायक घटना को घटे 30 दिन हो चुके हैं लेकिन पुलिस या प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। हमने बार-बार संबंधित अधिकारियों से निवेदन किया फिर भी आज तक हमारे परिवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं सौपी गई है।यह निष्क्रियता न केवल हमारे दुख को और बढ़ा रही है बल्कि न्याय व्यवस्था व्यवस्था पर से विश्वास डगमगा रहा है।इस संबंध में पूर्व जिला पार्षद प्रवीण आनंद ने कहा कि यदि हम एक परिवार और समाज के रूप में एक मासूम बच्चे को न्याय नहीं दिला पाए तो यह केवल तंत्र की विफलता नहीं बल्कि हमारी सामूहिक नैतिक पराजय होगी। उन्होंने कहा कि हत्या की घटना की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराई जाए।
पीड़ित परिवार को तत्काल पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि आयुष आनंद की हत्या से जुड़ी संदिग्ध परिस्थितियों एवं आवश्यक जांच बिंदु उजागर करती है की आयुष आनंद ने आत्महत्या नहीं बल्कि उसकी संयोजित हत्या कर शव को फांसी का रूप दिया गया।वही साक्ष्य छुपाने के लिए घटनास्थल पर छेडछाड भी की गई।उन्होंने कहा कि शव की स्थिति देखने के उपरांत मृतक के पैरों पर मिट्टी लगी थी जबकि चप्पल भी कमरे में नहीं थी। इससे यह दर्शाता है कि उसकी हत्या कहीं और करके शव को कमरे में लटकाया गया है। वही दरवाजे की कुंडी ऊपर लगी थी जबकि नीचे से लगभग खुला स्थान था।जिसमें आसानी से कोई अंदर प्रवेश कर सकता था। वही स्लाइडिंग विंडो को बाहर से स्क्रु द्वारा बंद किया गया था और वह स्क्रू नया प्रतीत हो रहा था। जो किसी पूर्व नियोजित छेड़छाड़ को संकेत देता है। वही मोबाइल का रिसेट किया जाना कई आशंकाओं को जन्म दे रही है। उन्होंने साइबर सेल की सहायता से मोबाइल के कॉल डिटेल की जांच होनी चाहिए। आयुष आनंद की हत्या में शामिल नामजद अभियुक्त आदेश चौहान, रजनीश यादव एवं मनीष यादव के कॉल डिटेल मोबाइल डाटा की स्वतंत्र जांच की जानी चाहिए।मृतक के पिता ने बताया कि सुसाइड नोट की लिखावट मृतक से मिल नहीं खा रहा। इसकी भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मृतक के शरीर पर खरोच के निशान पाए गए थे। जिसकी मेडिकल और फोरेंसिक जांच कराई जाए।धरना स्थल पर लोगों ने कहा कि मृतक के परिजनों को अब तक न्याय नहीं मिला है।वही माँ का रो रो कर बुरा हाल हे।लेकिन मृतक के परिजनों के विरुद्ध जानबूझकर झूठा मुकदमा दर्ज किए गए हैं जिससे उन्हें डराने या चुप करने की कोशिश की जा रही है। इस विषय की निष्पक्ष जांच भी अपेक्षित है। धरना स्थल पर लोगों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि 20 जून को प्राप्त पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रति अब तक परिजनों को नहीं दी गई है।जिसके कारण मामले की लीपा पोती की आशंका बलवती दिख रही है।इस मौके पर जिला पार्षद प्रतिनिधि रजनीश आनंद,संजय कुमार सिंह, प्रवीण आनंद,रजनीश कुमार, माधव कामत, चंद्र मोहन चौधरी,जितेंद्र सिंह जीतू,राजद प्रखंड अध्यक्ष मनोज यादव, जीतू कुमार सिंह, पप्पू कुमार,भूषण सिंह, उषा देवी, अनीता देवी, सुलोचना देवी, मुन्नी देवी,त्रिवेणी कामत,सत्यनारायण कामत, पप्पू मिश्रा, मनोज सिंह, फरमोद आलम, त्रिवेणी कामत, अनमोल सिंह,बिट्टू कुमार,मिठ्ठू कुमार,अनोज सिंह,गफ्फार सहित बड़ी संख्या में धरना स्थल पर लोग मौजूद थें।