Purnia University में सीआईए परीक्षा को लेकर छात्र नेता राजा कुमार का बड़ा आरोप, यूजीसी गाइडलाइंस के उल्लंघन का दावा
पूर्णिया: Purnia University के पीजी सेमेस्टर 2 (सेशन 2024-2026) की सीआईए परीक्षा को लेकर छात्र नेता राजा कुमार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन और संबंधित महाविद्यालय यूजीसी की तय गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रहे हैं, और सीआईए परीक्षा केवल “फॉर्मेलिटी” के रूप में आयोजित की जा रही है। राजा कुमार के अनुसार, यूजीसी नियमों के अनुसार सीआईए परीक्षा दो बार और ओएमआर शीट पर आयोजित होनी चाहिए, लेकिन विश्वविद्यालय में इसका खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन हो रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि परीक्षा में गड़बड़ी को छुपाने और कुछ पदाधिकारियों को बचाने के लिए कुलपति महोदय के निर्देश पर दोबारा परीक्षा भी ली जाती है, पर उसमें भी कई छात्र-छात्राएं शामिल नहीं हो पाते, भले ही उन्होंने छात्र कल्याण पदाधिकारी से संपर्क किया हो। इसके बावजूद विश्वविद्यालय द्वारा रिवाइज्ड रिजल्ट जारी कर दिया जाता है, जिसमें कथित तौर पर “शिक्षा माफिया” से जुड़े छात्रों को मनमाने ढंग से अधिक अंक देकर पास कर दिया जाता है, जबकि करीब 700 छात्र-छात्राएं 2 से 5 नंबर से फेल कर दिए गए हैं।
राजा कुमार ने यह भी आरोप लगाया कि जहां अधिकतम 30 अंक देने की सीमा है, वहां कुछ छात्रों को 36 अंक तक दे दिए गए हैं। उन्होंने मांग की कि इस पूरी प्रक्रिया में शामिल टेबुलेशन करने वाले पदाधिकारी, परीक्षा नियंत्रक और टीआर वेरीफाई करने वाले सभी जिम्मेदार लोगों पर तुरंत कार्रवाई की जाए और उन्हें कार्यमुक्त किया जाए। इस प्रेस वार्ता के दौरान छात्र प्रतिनिधि आयुष राज आनंद और शिवम कुमार भी मौजूद थे। यह मुद्दा अब छात्र राजनीति और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच एक बड़े टकराव का रूप ले सकता है, जिसे जल्द सुलझाना शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए जरूरी होगा।