Udaipur Files
नई दिल्ली

‘Udaipur Files’ को सुप्रीम हरी झंडी: विवादों के साए से निकलकर अब 8 अगस्त को बड़े परदे पर होगा सच का सामना!

नई दिल्ली: कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित बहुचर्चित और विवादों में घिरी फिल्म Udaipur Files आखिरकार लंबे कानूनी और राजनीतिक घमासान के बाद 8 अगस्त को रिलीज़ होने जा रही है। यह वही फिल्म है, जिसे लेकर कुछ वर्गों ने सांप्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप लगाया था और जिसे दिल्ली हाई कोर्ट ने रिलीज़ से एक दिन पहले रोक दिया था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप और फिल्म में छह जरूरी बदलावों के बाद इस पर से बैन हट गया है — और अब देश इस संवेदनशील और ज्वलंत घटना की सिनेमाई प्रस्तुति को देख पाएगा। राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की निर्मम हत्या ने 2022 में पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। आरोपियों ने नूपुर शर्मा के समर्थन में एक सोशल मीडिया पोस्ट को हत्या की वजह बताया था और बाकायदा एक वीडियो जारी कर हत्या की जिम्मेदारी भी ली थी। इस घटना के बाद देशभर में आक्रोश फैला और अब उसी घटना पर आधारित ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर भी सियासी और सामाजिक पारा चढ़ गया।

फिल्म की मूल रिलीज़ डेट 11 जुलाई तय थी, लेकिन इससे ठीक पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ताओं, जिनमें जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी भी शामिल थे, ने दावा किया कि फिल्म मुस्लिम समुदाय को गलत तरीके से दर्शाती है और इससे साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। कोर्ट ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लेती, तब तक फिल्म नहीं दिखाई जाएगी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई को बड़ा फैसला सुनाते हुए फिल्म को मंजूरी दी, बशर्ते इसमें छह दृश्य हटाए जाएं और डिस्क्लेमर को स्पष्ट रूप से संशोधित किया जाए। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे. बागची की बेंच ने कहा कि फिल्म का कंटेंट अब सेंसर बोर्ड की सिफारिशों के अनुरूप है और कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अदालत ने साफ किया कि उसने फिल्म के कथ्य की गुणवत्ता पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सभी पक्षों को विवाद सुलझाने के लिए हाई कोर्ट का रुख करने की छूट दी गई है।

यह फिल्म सिर्फ एक सिनेमाई कृति नहीं, बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक विमर्श के केंद्र में आई एक सच्ची घटना की पटकथा है, जिसे लेकर देशभर में बहस जारी है। इसमें अभिनेता विजय राज मुख्य भूमिका में हैं, और फिल्म का निर्देशन करते हुए निर्माता पक्ष ने दावा किया है कि यह “एक जागरूकता पैदा करने वाला दस्तावेज़ी प्रयास” है, न कि कोई नफरत फैलाने वाला प्रचार। ‘उदयपुर फाइल्स’ अब 8 अगस्त को सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है, ऐसे समय में जब देश में चुनावी हलचल भी तेज है और सामाजिक ध्रुवीकरण पर बहस गर्म। क्या यह फिल्म समाज को आईना दिखाएगी या फिर राजनीति की आग में घी डालेगी — इसका जवाब आने वाले दिनों में देश की जनता देगी। लेकिन इतना तय है कि यह फिल्म अब सिर्फ एक स्क्रीनिंग नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा बनने जा रही है।

📌 8 अगस्त को ‘उदयपुर फाइल्स’ बड़े परदे पर — सच्चाई और संवेदनशीलता की एक बेहद बहुप्रतीक्षित टक्कर!

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *