मुख्यमंत्री का ऐतिहासिक फैसला पत्रकारों को बड़ा सम्मान, अब ज़रूरी है कि नियमों को सरल बनाया जाए: नंदकिशोर सिंह
पूर्णिया: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पत्रकारों के लिए घोषित ‘बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना’ के अंतर्गत अब पात्र पत्रकारों को प्रतिमाह 6 हजार रुपये की जगह 15 हजार रुपये की पेंशन दी जाएगी। साथ ही यदि किसी पेंशनधारी पत्रकार की मृत्यु हो जाती है, तो उनके आश्रित पति या पत्नी को जीवनपर्यंत 3 हजार रुपये की जगह 10 हजार रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। संबंधित विभाग को यह निर्देश दिया गया है कि इसे शीघ्र लागू किया जाए।
इस निर्णय का स्वागत करते हुए प्रेस क्लब पूर्णिया के अध्यक्ष एवं भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ (बीएसपीएस) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह फैसला पत्रकारों के सम्मान और सुरक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक और सराहनीय कदम है। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब तक की स्थिति यह रही है कि पत्रकारों को किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए नियम-कानून की पेचीदगियों और विभागीय दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि कई वरिष्ठ और सेवानिवृत्त पत्रकार सिर्फ प्रक्रिया की जटिलता और सही मार्गदर्शन के अभाव में वाजिब लाभ से वंचित रह जाते हैं। इसलिए यह ज़रूरी है कि घोषणा केवल कागज़ों तक सीमित न रह जाए, बल्कि इसे धरातल पर पहुंचाने के लिए व्यावहारिक और सहज प्रक्रिया बनाई जाए।
नंदकिशोर सिंह ने योजना को कारगर बनाने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए:
1. आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और मोबाइल फ्रेंडली हो।
2. जिला स्तर पर पत्रकार सहायता केंद्र बनाए जाएं।
3. सीमित दस्तावेजों के साथ एक तय समय-सीमा में आवेदन की स्वीकृति की व्यवस्था हो।
4. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग एक हेल्पलाइन नंबर और जानकारी पोर्टल शुरू करे।
उन्होंने बताया कि भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ (बीएसपीएस) और प्रेस क्लब पूर्णिया मिलकर “पत्रकार सेवा सहयोग अभियान” पूरे राज्य में डिजिटल और सीधे रूप में चलाएगा, जिसमें सभी जिलों के पत्रकारों को यह जानकारी दी जाएगी कि कैसे सरल तरीके से वे इस योजना का लाभ ले सकते हैं। खासकर सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप, इंस्टाग्राम, फेसबुक जैसे माध्यमों के ज़रिए सभी जिलों के पत्रकार साथियों तक वीडियो, गाइडलाइन और फॉर्म भरने की प्रक्रिया भेजी जाएगी, ताकि वे बिना किसी भ्रम और भागदौड़ के लाभ ले सकें। नंदकिशोर सिंह ने अंत में राज्य सरकार से अपील की कि पत्रकारों की गरिमा और सेवा भावना को ध्यान में रखते हुए योजनाओं को क्रियान्वयन योग्य और सर्वसुलभ बनाया जाए, ताकि कोई भी पात्र पत्रकार या उनका परिवार इस अधिकार से वंचित न रह जाए।