पूर्णिया विश्वविद्यालय में ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पर सामूहिक गायन, कुलपति ने कहा — यह राष्ट्र की सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक

पूर्णिया: पूर्णिया विश्वविद्यालय के सीनेट हाल में शुक्रवार को राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में भव्य सामूहिक गायन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. विवेकानंद सिंह ने की। इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि वंदे मातरम् राष्ट्र की सभ्यता, संस्कृति और राजनीतिक चेतना का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इस गीत के माध्यम से भारत की एकता, बलिदान और देशभक्ति का संदेश सदियों से जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है।

कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय सेवा योजना की समन्वयक डॉ. अंकिता विश्वकर्मा ने बताया कि वंदे मातरम् का पहली बार राजनीतिक नारे के रूप में प्रयोग 7 अगस्त 1905 को हुआ था, और आज 150 वर्ष बाद पुनः हम उसी भावना को जीवित कर रहे हैं। इस अवसर पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. डॉ. अरविंद कुमार वर्मा, कुलानुशासन प्रो. डॉ. विनोद कुमार ओझा, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. पटवारी यादव, मीडिया प्रभारी डॉ. संतोष कुमार सिंह सहित अनेक शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

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