Tahawwur Rana LIVE : क्या हाफिज सईद भी लाया जाएगा भारत? 26/11 के इन आतंकियों की तलाश में एजेंसियां
Tahawwur Rana LIVE /नई दिल्ली : तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पित होने के बाद 26/11 मुंबई हमले के अन्य प्रमुख आतंकियों को पकड़ने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। राणा, जिसे आज अमेरिका से दिल्ली लाया गया और NIA की हिरासत में पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, इस साजिश का एक अहम हिस्सा था। अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और अन्य भारतीय खुफिया एजेंसियों की नजर लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के सरगना हाफिज सईद सहित उन आतंकियों पर है, जो इस हमले के लिए जिम्मेदार हैं। लेकिन क्या हाफिज सईद को भी भारत लाया जा सकता है? और किन-किन आतंकियों की तलाश अभी जारी है? आइए, इसकी पड़ताल करते हैं।
हाफिज सईद: भारत लाने की राह मुश्किल, लेकिन असंभव नहीं
हाफिज सईद, 26/11 हमले का मास्टरमाइंड और LeT का संस्थापक, भारत के लिए मोस्ट वांटेड आतंकी है। वह वर्तमान में पाकिस्तान में है, जहां उसे समय-समय पर हिरासत में लिया जाता है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। भारत ने दिसंबर 2023 में पाकिस्तान से सईद के प्रत्यर्पण की औपचारिक मांग की थी, जिसके लिए सभी जरूरी दस्तावेज साझा किए गए। हालांकि, पाकिस्तान ने इस मांग को ठुकरा दिया और सईद को एक तरह से संरक्षण देना जारी रखा।
राणा के प्रत्यर्पण के बाद भारत की कूटनीतिक जीत से दबाव बढ़ा है, और विशेषज्ञों का मानना है कि सईद को लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और जोर दिया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र ने सईद को वैश्विक आतंकी घोषित किया है, और अमेरिका ने उस पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा है। लेकिन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ उसके कथित रिश्तों के चलते उसका प्रत्यर्पण एक जटिल मुद्दा है। अगर राणा की पूछताछ में सईद के खिलाफ ठोस सबूत मिलते हैं, तो भारत FATF और UN जैसे मंचों के जरिए दबाव बढ़ा सकता है। फिर भी, तत्काल प्रत्यर्पण की संभावना कम है, क्योंकि पाकिस्तान ने राणा को भी कनाडाई नागरिक बताकर पल्ला झाड़ लिया था।
26/11 के अन्य आतंकी: एजेंसियों की रडार पर कौन?
राणा की गिरफ्तारी के बाद NIA अब उन आतंकियों को पकड़ने पर जोर दे रही है, जिनके नाम मुंबई हमले की साजिश से जुड़े हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नाम हैं:
- जकी-उर-रहमान लखवी: LeT का सैन्य कमांडर, जिसे हमले की योजना बनाने का जिम्मेदार माना जाता है। वह पाकिस्तान में जमानत पर रिहा है और खुलेआम गतिविधियां चला रहा है। भारत ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए हैं, लेकिन पाकिस्तान ने कोई सहयोग नहीं किया।
- साजिद मजीद (उर्फ साजिद मीर): LeT का ऑपरेशनल हेड, जिसने हमलावरों को प्रशिक्षण और निर्देश दिए। वह भी पाकिस्तान में छिपा हुआ है। कुछ खबरों के मुताबिक, उसे 2022 में गुप्त रूप से सजा दी गई थी, लेकिन भारत को इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई।
- मेजर इकबाल: ISI का एक कथित अधिकारी, जिसने राणा और डेविड हेडली के साथ संपर्क बनाए रखा। उसकी पहचान पूरी तरह उजागर नहीं हुई है, और वह पाकिस्तान में ही सक्रिय बताया जाता है।
- अबु कहाफा और अबु अनेस: LeT के वरिष्ठ कमांडर, जिन्होंने हमलावरों को प्रशिक्षण दिया। ये दोनों भी पाकिस्तान में हैं और भारत की वांटेड लिस्ट में शामिल हैं।
इनके अलावा, NIA ने इलियास कश्मीरी जैसे हूजी (हरकत-उल-जिहाद-इस्लामी) नेताओं के खिलाफ भी गैर-जमानती वारंट जारी किए हैं, हालांकि कश्मीरी की 2011 में ड्रोन हमले में मौत की खबरें थीं।
राणा की पूछताछ से क्या उम्मीद?
राणा को 18 दिन की NIA हिरासत में भेजा गया है, और एजेंसी उससे गहन पूछताछ कर रही है। उम्मीद है कि वह इन आतंकियों के ठिकानों, ISI के साथ उनके रिश्तों और हमले की फंडिंग से जुड़ी जानकारी दे सकता है। राणा और हेडली की ईमेल बातचीत, जिसमें मेजर इकबाल का जिक्र था, पहले ही जांच का हिस्सा है। अगर राणा सहयोग करता है, तो सईद और लखवी जैसे आतंकियों पर शिकंजा कसने के लिए नए सबूत मिल सकते हैं।
भारत की रणनीति और चुनौतियां
भारत ने राणा के प्रत्यर्पण को एक बड़ी कूटनीतिक जीत बताया है, और अब वह इस मोमेंटम का इस्तेमाल अन्य आतंकियों को पकड़ने के लिए करना चाहता है। गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय मिलकर अमेरिका, कनाडा और अन्य सहयोगी देशों के साथ बातचीत तेज कर रहे हैं। लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं। पाकिस्तान का असहयोग, सईद जैसे आतंकियों को दिया जाने वाला संरक्षण और प्रत्यर्पण संधियों की जटिलताएं रास्ते में रोड़ा हैं।
फिलहाल, राणा का भारत आना 26/11 के पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम है। लेकिन हाफिज सईद जैसे बड़े मास्टरमाइंड को भारत लाने के लिए अभी लंबी लड़ाई बाकी है। NIA और भारतीय एजेंसियां इस दिशा में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं, और राणा की पूछताछ से इस जंग में नई उम्मीद जगी है।