Delhi Station Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़: एक दर्दनाक हादसे की कहानी
नई दिल्ली: Delhi Station Stampede नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात मची भगदड़ ने कई परिवारों को बर्बाद कर दिया। गुप्तेश्वर यादव, जो अपनी पत्नी तारा देवी के साथ बिहार जाने के लिए स्टेशन पहुंचे थे, उनकें लिए यह रात एक भयानक दुःखदायी अनुभव बन गई। गुप्तेश्वर यादव लगातार अपनी पत्नी को ढूंढ रहे थे, जिनकी तस्वीर उनके पास थी। तस्वीर में तारा देवी नीली साड़ी, लाल सिंदूर और चूड़ियां पहने हुए थीं। गुप्तेश्वर यादव का कहना है कि जब भीड़ के कारण वह अपनी पत्नी को ढूंढने की कोशिश करते थे, तो हालात और भी भयावह हो जाते थे।
घटना का तात्कालिक प्रभाव
शनिवार रात की घटना के बारे में गुप्तेश्वर बताते हैं कि प्लेटफॉर्म पर इतनी भीड़ थी कि कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। लोग बुरी तरह धक्का दे रहे थे, और फिर वह भीड़ में गिर गए। उनके मन में बस एक सवाल था कि उनकी पत्नी कहां हैं। गुप्तेश्वर और उनके भाई रातभर अस्पतालों में अपनी पत्नी की तलाश करते रहे, लेकिन उनकी पत्नी का कहीं कोई पता नहीं चला।
चश्मदीदों की गवाही: भयावह दृश्य
दिगंबर मंडल, जो 12 साल से प्लेटफार्म नंबर 14 पर एक किताबों की दुकान चलाते हैं, ने भी इस भगदड़ का दृश्य देखा। वह बताते हैं कि शुरू में सब कुछ सामान्य था, लेकिन फिर अचानक ट्रेनों के प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा हुई, जिसके बाद लोग घबराए और भीड़ बढ़ गई। स्थिति इतनी खराब हो गई कि लोग संकरी सीढ़ियों पर चढ़ने के लिए एक-दूसरे को धक्का दे रहे थे। दिगंबर मंडल ने मदद करने की कोशिश की, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि वह खुद भी नहीं हिल पा रहे थे।
हादसे के बाद की स्थिति
रविवार सुबह प्लेटफॉर्म पर स्थिति शांत थी, और पुलिस ने रस्सी लगाकर जगह को घेर लिया था। लेकिन गुप्तेश्वर यादव और अन्य परिवारों के लिए यह दिन कठिन था, क्योंकि वे अपने खोए हुए परिवारजनों की तलाश में निकल पड़े थे। गुप्तेश्वर ने रेलवे सुरक्षा बल में शिकायत भी दर्ज कराई, और जांच शुरू करने के लिए रेलवे की उच्चस्तरीय समिति भी पहुंची।
रेलवे की कार्रवाई
रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी नरसिंह देव ने कहा कि सभी CCTV फुटेज प्राप्त कर लिए गए हैं, और घटना की पूरी जांच की जा रही है। जांच के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी। यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि बिना उचित प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण के ऐसी भयावह स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं, जो किसी के लिए भी बेहद दुखद हो सकती हैं।