India-Pakistan War : जल, थल और वायु: भारत-पाकिस्तान सैन्य तुलना और युद्ध में टिकने की क्षमता
India-Pakistan War : भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तुलना में भारत थल, जल और वायु तीनों मोर्चों पर स्पष्ट रूप से श्रेष्ठ है, जैसा कि ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 में दर्शाया गया है, जहां भारत चौथे और पाकिस्तान 12वें स्थान पर है। भारत की सैन्य ताकत, तकनीकी उन्नति, और आर्थिक स्थिरता उसे पाकिस्तान पर निर्णायक बढ़त देती है। हाल के पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल, 2025) के बाद बढ़े तनाव और भारत द्वारा सिंधु जल संधि निलंबित करने जैसे कदमों ने युद्ध की संभावना को चर्चा में ला दिया है। आइए, तीनों मोर्चों पर तुलना करें और अनुमान लगाएं कि पाकिस्तान कितनी देर टिक सकता है।
थल सेना (आर्मी)
- भारत: भारतीय थल सेना में 12.3 लाख सक्रिय जवान, 4,614 टैंक, 100,000+ बख्तरबंद वाहन, और 3,243 तोपें हैं। टी-90 भीष्म, अर्जुन एमके-1ए जैसे आधुनिक टैंक और ब्रह्मोस मिसाइलें भारत को रणनीतिक बढ़त देती हैं। लॉजिस्टिक्स में 63 लाख किमी सड़क और 65,000 किमी रेलवे नेटवर्क सप्लाई चेन को मजबूत करते हैं।
- पाकिस्तान: पाकिस्तान के पास 6.5 लाख जवान, 3,742 टैंक, और 2,824 तोपें हैं। अल-खालिद टैंक और हक मिसाइलें सक्षम हैं, लेकिन संख्या और तकनीक में भारत से पीछे हैं। लॉजिस्टिक्स में 2.64 लाख किमी सड़क और 11,900 किमी रेलवे सीमित हैं।
- विश्लेषण: भारत की थल सेना आकार में पाकिस्तान से लगभग दोगुनी और तकनीकी रूप से उन्नत है। ग्लोबल फायरपावर के अनुसार, जमीनी युद्ध में भारत की ताकत तीन गुना अधिक है। एक पूर्ण पैमाने के युद्ध में, भारत की गतिशीलता और मारक क्षमता पाकिस्तान को 2-3 सप्ताह में रक्षात्मक स्थिति में धकेल सकती है, खासकर पंजाब और राजस्थान सीमा पर।
नौसेना (नेवी)
- भारत: भारतीय नौसेना के पास 1.42 लाख नौसैनिक, 293 युद्धपोत, जिनमें दो विमानवाहक पोत (आईएनएस विक्रांत, विक्रमादित्य), 13 डिस्ट्रॉयर, 18 पनडुब्बियां (कलवरी-क्लास, न्यूक्लियर अरिहंत), और 18 कॉर्वेट्स हैं। हिंद महासागर में भारत की मौजूदगी और ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस पोत इसे क्षेत्रीय प्रभुत्व देते हैं।
- पाकिस्तान: पाकिस्तानी नौसेना में 1.24 लाख नौसैनिक और 121 युद्धपोत, जिनमें 9 फ्रिगेट्स, 8 पनडुब्बियां, और 69 पेट्रोल वेसेल्स हैं। विमानवाहक या डिस्ट्रॉयर की कमी और पुरानी तकनीक इसे कमजोर बनाती है।
- विश्लेषण: भारत की नौसेना संख्या और तकनीक में पाकिस्तान से कहीं आगे है। भारत हिंद महासागर में पाकिस्तान के कराची और ग्वादर बंदरगाहों को आसानी से नाकाबंदी कर सकता है, जिससे उसकी समुद्री आपूर्ति ठप हो जाएगी। एक नौसैनिक युद्ध में पाकिस्तान 7-10 दिनों से ज्यादा नहीं टिक पाएगा।
वायुसेना (एयर फोर्स)
- भारत: भारतीय वायुसेना के पास 2,229 विमान, जिनमें 633 फाइटर जेट (राफेल, सुखोई सु-30, तेजस), 7 AWACS, और हेरॉन ड्रोन हैं। एस-400 हवाई रक्षा प्रणाली और 311 हवाई अड्डे हवाई प्रभुत्व सुनिश्चित करते हैं।
- पाकिस्तान: पाकिस्तानी वायुसेना के पास 1,399 विमान, 398 फाइटर जेट (जेएफ-17, एफ-16), सीमित AWACS (जेडके-03), और बुर्राक ड्रोन हैं। एचक्यू-9 रक्षा प्रणाली सक्षम है, लेकिन भारत की एस-400 से कमजोर है।
- विश्लेषण: भारत की वायुसेना अधिक आधुनिक और संख्या में बड़ी है। राफेल और सुखोई की मारक क्षमता, बेहतर निगरानी, और हवाई रक्षा प्रणालियां पाकिस्तान को हवाई युद्ध में 10-15 दिनों में कमजोर कर सकती हैं।
परमाणु क्षमता और रणनीतिक स्थिति
- भारत: 172 परमाणु वॉरहेड और पूर्ण न्यूक्लियर ट्रायड (जल, थल, वायु) के साथ अग्नि-5 जैसी लंबी दूरी की मिसाइलें।
- पाकिस्तान: 170 परमाणु वॉरहेड, लेकिन छोटी दूरी की मिसाइलें (हातफ, गजनवी) क्षेत्रीय रक्षा के लिए।
- विश्लेषण: दोनों देशों की परमाणु क्षमता युद्ध को सीमित रखने का काम करती है, क्योंकि परमाणु हमला दोनों के लिए विनाशकारी होगा। भारत की लंबी दूरी की मिसाइलें और दूसरी स्ट्राइक क्षमता इसे रणनीतिक बढ़त देती हैं।
युद्ध में टिकने की क्षमता
- पारंपरिक युद्ध: भारत की सैन्य श्रेष्ठता, बेहतर लॉजिस्टिक्स, और आर्थिक स्थिरता (पाकिस्तान की जीडीपी भारत की तुलना में 10 गुना कम) उसे लंबे युद्ध में टिकने की क्षमता देती है। पाकिस्तान की सेना, जो आर्थिक संकट से जूझ रही है, 2-4 सप्ताह से ज्यादा पारंपरिक युद्ध में टिक नहीं पाएगी।
- आर्थिक और भू-राजनीतिक स्थिति: भारत की वैश्विक कूटनीति और रूस, अमेरिका, फ्रांस जैसे देशों से हथियारों की आपूर्ति इसे मजबूत बनाती है। पाकिस्तान मुख्य रूप से चीन पर निर्भर है, लेकिन उसकी आर्थिक कमजोरी और सीमित संसाधन लंबे युद्ध को असंभव बनाते हैं।
- पहलगाम हमले का प्रभाव: पहलगाम हमले के बाद भारत के आक्रामक रुख, जैसे सिंधु जल संधि का निलंबन, पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा रहा है। पानी की कमी और नौसैनिक नाकाबंदी पाकिस्तान को जल्दी घुटने टेकने पर मजबूर कर सकती है।
निष्कर्ष
पूर्ण पैमाने के युद्ध में, भारत की थल सेना 2-3 सप्ताह में पाकिस्तान को रक्षात्मक स्थिति में धकेल सकती है, नौसेना 7-10 दिनों में समुद्री मोर्चा जीत सकती है, और वायुसेना 10-15 दिनों में हवाई प्रभुत्व स्थापित कर सकती है। परमाणु युद्ध की स्थिति को छोड़कर, पाकिस्तान की सेना भारत के सामने 2-4 सप्ताह से ज्यादा टिकने में असमर्थ होगी। हालांकि, दोनों देशों की परमाणु क्षमता युद्ध को सीमित और कूटनीति को आवश्यक बनाती है। शांति बनाए रखने के लिए भारत को अपनी सैन्य ताकत के साथ-साथ वैश्विक मंचों पर दबाव बनाना होगा।