SAHARSA NEWS, अजय कुमार : महिला संवाद कार्यक्रम जिले में ग्रामीण विकास की नई उम्मीद लेकर आया है। यह पहल नई है, लेकिन इसका प्रभाव गहराई तक पहुँच रहा है। जिले के सभी प्रखंडों में घूम रहे महिला संवाद रथ ने लोगों की आकांक्षाओं को जानने का सशक्त माध्यम बना लिया है। ग्रामीण विकास विभाग के नेतृत्व में यह कार्यक्रम 18 अप्रैल से शुरू हुआ है और लगातार आयोजित किया जा रहा है।संवाद रथ के आयोजन और उद्देश्य महिला संवाद रथ प्रतिदिन दो सत्रों में ग्राम संगठनों में संवाद आयोजित कर रहा है। इन आयोजनों में सरकार की महिला सशक्तीकरण योजनाओं पर केंद्रित 50 मिनट की वीडियो फिल्म एलईडी स्क्रीन के माध्यम से दिखाई जाती है। साथ ही, महिलाओं को 31 से अधिक योजनाओं की जानकारी लीफलेट के जरिए प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का महिलाओं के नाम संदेश पत्र भी वितरित किया जा रहा है।महिलाओं की भागीदारी और मुद्दे संवाद कार्यक्रम में गाँव की विभिन्न वर्गों की महिलाएं, जैसे शिक्षिका, नर्स, आंगनबाड़ी सेविका, महिला पुलिस, पंचायत प्रतिनिधि, उद्यमी और जीविका दीदियाँ, सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं। ये महिलाएं न केवल सरकार की योजनाओं के अपने अनुभव साझा कर रही हैं, बल्कि उन समस्याओं और आकांक्षाओं को भी उजागर कर रही हैं जो अब तक अनसुनी थीं।सामूहिक आकांक्षाओं पर जोर इन कार्यक्रमों में सामूहिक विकास की आकांक्षाएं प्रमुखता से सामने आ रही हैं। बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएँ, और रोजगार के साधन जैसे मुद्दों पर चर्चा हो रही है। महिलाएं अपने गाँव और परिवार की उन्नति के लिए खुलकर अपनी मांगें रख रही हैं।अब तक का आयोजन जिले में अब तक 396 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है। 1 लाख से अधिक महिलाएं इसमें भाग ले चुकी हैं, और 5 हजार से अधिक महिलाओं ने अपनी आकांक्षाएँ दर्ज कराई हैं। यह कार्यक्रम जून के मध्य तक जिले के 1468 ग्राम संगठनों में आयोजित किया जाएगा।महिला संवाद कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया है कि जब महिलाएं संगठित होकर अपनी बात रखती हैं, तो वह विकास और बदलाव की एक नई राह खोलती हैं। यह पहल न केवल योजनाओं की वास्तविकता का आकलन कर रही है, बल्कि सरकार और समाज के बीच एक मजबूत पुल का निर्माण भी कर रही है।