SAHARSA NEWS,अजय कुमार : बिहार सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए “महिला संवाद” कार्यक्रम ने ग्रामीण महिलाओं को अपनी आवाज बुलंद करने का सशक्त मंच प्रदान किया है । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की योजनाओं का लाभ उठाकर महिलाओं ने आत्मनिर्भरता, सामाजिक न्याय, और सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।इस कार्यक्रम के माध्यम से कई महिलाएं पंचायतों और अन्य संस्थानों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं, तो कई ने स्वरोजगार अपनाकर आत्मनिर्भरता की नई मिसाल कायम की है । साथ ही, सरकारी योजनाओं के लाभ से महिलाएं शिक्षिका, नर्स, पुलिसकर्मी जैसे विभिन्न पेशों में भी अपनी पहचान बना रही हैं।महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाएं अपनी समस्याएं और सुझाव साझा कर रही हैं । उन्हें उम्मीद है कि उनके विचारों पर सरकार ध्यान देगी । सत्तर कटैया प्रखंड के पूरीख में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एक सहभागी, संजू देवी ने कहा, “यह पहल हमें अपनी समस्याओं को खुलकर सामने रखने का अवसर देती है । सरकार का यह कदम बेहद सराहनीय है।मंगलवार को सहरसा जिले के 24 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया । अब तक जिले के 444 ग्राम संगठनों में यह कार्यक्रम संपन्न हो चुका है, जिसमें एक लाख से अधिक महिलाओं ने भागीदारी की है।
शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर विशेष ध्यान
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को अपनी प्रमुख प्राथमिकता बताया। उन्होंने मांग की कि स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं और गांवों में बाजार विकसित किए जाएं, जिससे उनके उत्पादों की बिक्री सुगम हो सके।योजनाओं की जानकारी और जागरूकता महिला संवाद कार्यक्रम के दौरान वीडियो फिल्मों के माध्यम से सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। साथ ही, जागरूकता बढ़ाने के लिए लीफलेट्स वितरित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा भेजे गए संदेश पत्रों को पढ़कर सुनाने के साथ-साथ महिलाओं को वितरित किया जा रहा है।कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना है। महिलाएं अब न केवल अपनी समस्याओं की पहचान कर रही हैं, बल्कि समाधान के सुझाव भी दे रही हैं।महिला संवाद कार्यक्रम से प्राप्त सुझावों के आधार पर सरकार अपनी योजनाओं को और प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। यह पहल महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें समाज व विकास में सक्रिय भागीदार बनाने का एक बड़ा कदम साबित हो रही है।