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Better Health: हर महीने तीन दिन चलेगा ‘सुरक्षित मातृत्व अभियान’, बिहार में 61 हज़ार हाई-रिस्क गर्भवती महिलाओं की हुई पहचान – अब समय रहते होगा इलाज!

पूर्णिया/पटना: Better Health बिहार में गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा और जच्चा-बच्चा की सेहत को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान और उसके एक्सटेंडेड संस्करण को और भी व्यापक रूप देने का फैसला किया है। अब यह अभियान हर महीने केवल एक दिन नहीं, बल्कि तीन दिन—9, 15 और 21 तारीख को आयोजित किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक महिलाओं तक जांच और इलाज की सुविधा पहुंच सके। वर्ष 2024-25 की सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर कुल 9 लाख 6 हज़ार 209 गर्भवतियों की प्रसव पूर्व जांच की गई, जिनमें से लगभग 61,000 महिलाएं उच्च जोखिम (हाई-रिस्क) की श्रेणी में पाई गईं। यह संख्या कुल गर्भवतियों की लगभग 6.8% है, जो चिंता का विषय है लेकिन इस अभियान से समय पर पता चलने के कारण इनका समुचित प्रबंधन भी सुनिश्चित हो सका।

एम्स पटना की स्त्री रोग विशेषज्ञ और एडिशनल प्रोफेसर डॉ. इंदिरा प्रसाद कहती हैं कि जितनी अधिक संख्या में गर्भवतियों की प्रसव पूर्व जांच होगी, उतनी ही आसानी से हाई-रिस्क प्रेगनेंसी की पहचान की जा सकेगी और समय पर इलाज से जटिलताओं को टाला जा सकेगा। राज्य सरकार अब इस अभियान को और मजबूती देने के लिए एक्सटेंडेड पीएमएसएमए के अंतर्गत सभी चिन्हित दिनों पर डॉक्टरों द्वारा गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच, प्रयोगशाला जांच और अल्ट्रासाउंड की सुविधा सुनिश्चित करने जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि जिन महिलाओं की गर्भावस्था जटिल हो सकती है, उनका समय रहते इलाज हो सके और प्रसव के समय जच्चा-बच्चा दोनों की जान जोखिम में न पड़े।

सरकार का यह कदम न केवल मातृ मृत्यु दर को घटाने की दिशा में अहम साबित होगा, बल्कि ग्रामीण और दूरदराज़ की महिलाओं को भी समय पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने में कारगर रहेगा। यह अभियान राज्य में महिला स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक ठोस और ज़मीन से जुड़ा प्रयास है, जो अब पहले से ज्यादा असरदार और सुलभ बनने जा रहा है।

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