Delhi New CM
नई दिल्ली

Delhi New CM: दिल्ली चुनाव 2025: बीजेपी में सीएम चेहरे को लेकर गंभीर चर्चा, ये नाम आगे आ रहे हैं

नई दिल्ली: Delhi New CM दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी की अप्रत्याशित जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। पार्टी ने इस बार चुनाव बिना किसी स्पष्ट मुख्यमंत्री चेहरे के लड़ा था, जिससे अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि बीजेपी किसे दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री बनाएगी। चुनावी परिणामों ने कई नेताओं के नामों को सीएम पद के लिए प्रमुख दावेदार बना दिया है। पार्टी के अंदर दावेदारों की लंबी सूची है, जिसमें कुछ परंपरागत नेता और कुछ नए चेहरे भी शामिल हैं।

पार्टी की ओर से सबसे पहला नाम परवेश वर्मा का आ रहा है, जो दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं और उन्होंने नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को हराकर राजनीति में अपनी मजबूती साबित की। वहीं, दुष्यंत गौतम का नाम भी चर्चा में है, जो एक दलित नेता हैं और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। हालांकि, वह हाल ही में अपनी सीट हार गए हैं, फिर भी उनकी मजबूत राजनीतिक पृष्ठभूमि उन्हें सीएम पद के लिए एक प्रमुख उम्मीदवार बनाती है।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता भी इस दौड़ में शामिल हैं। उन्होंने रोहिणी सीट से लगातार चुनाव जीतकर अपनी राजनीतिक पकड़ को साबित किया है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के रूप में उनकी भूमिका ने उन्हें पार्टी के भीतर एक मजबूत आधार दिया है। इसके अलावा, महिला सीएम के विकल्प के रूप में रेखा गुप्ता और शिखा राय के नाम भी सामने आ रहे हैं। रेखा गुप्ता शालीमार बाग से चुनाव लड़ीं थीं, जबकि शिखा राय ग्रेटर कैलाश से चुनावी मैदान में उतरी थीं।

भाजपा के पास सिख चेहरा मनजिंदर सिंह सिरसा के रूप में भी मौजूद है, जो राजौरी गार्डन से जीत चुके हैं। उनका प्रभाव सिख समुदाय में खासा है और उन्होंने पार्टी को इस समुदाय तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा, नए चेहरों की तलाश में कपिल मिश्रा का नाम भी उभर रहा है। वह बीजेपी के प्रमुख हिंदुत्व चेहरा बनकर पार्टी के लिए चुनावी मैदान में उतरे थे और उनकी आक्रामक राजनीति ने उन्हें एक महत्वपूर्ण दावेदार बना दिया है।

एक अन्य नाम जो इस रेस में है, वह रविंदर सिंह नेगी का है, जिन्होंने पटपड़गंज सीट से जीत दर्ज की है। उनकी विशेष पहचान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी के रूप में है और उनकी सीट पर पूर्वांचल मतदाताओं का प्रभाव है। अंत में, दिल्ली के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत का नाम भी चर्चा में है, जिन्होंने बिजवासन से चुनाव जीतने के बाद पार्टी में अपनी स्थिति मजबूत की है।

अब भाजपा को यह तय करना है कि वह किस आधार पर अपने अगले मुख्यमंत्री का चयन करती है। क्या पार्टी नए चेहरे को मौका देगी या फिर वह अपने पुराने और अनुभवी नेताओं में से किसी को चुनने का निर्णय लेगी, यह सवाल अभी भी अनसुलझा है।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *