SAHARSA NEWS,अजय कुमार : फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों को संक्रमित अंग को नियंत्रित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों को एमएमडीपी किट्स का समुदाय स्तर पर वितरण किया जायेगा। किट्स वितरण के लिए जिले के सभी प्रखंड के स्वास्थ्य प्रबंधक, स्वास्थ्य उत्प्रेरक सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को रेड क्रॉस भवन में प्रशिक्षण दिया गया है। जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ.रविंद्र कुमार ने बताया कि सभी कर्मियों को फाइलेरिया ग्रसित मरीजों की पहचान कर उन्हें फाइलेरिया ग्रसित अंग को नियंत्रित रखने के लिए एमएमडीपी किट्स उपलब्ध कराते हुए फाइलेरिया ग्रसित अंग को नियंत्रित रखने की जानकारी दिया जाना है। उन्होंने बताया कि मरीजों को एमएमडीपी किट्स के रूप में फाइलेरिया बीमारी को नियंत्रित रखने के लिए जरूरी मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसमें टब, मग, साबुन, तौलिया, रुई व मलहम रहता है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया ग्रसित अंगों का पर्याप्त उपचार नहीं किया जा सकता लेकिन उसे नियंत्रित रखा जा सकता है। इसके लिए मरीजों को नियमित रूप से फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ-सफाई करनी चाहिए और वहां मलहम लगानी चाहिए। फाइलेरिया ग्रसित अंगों में हुई सूजन को कम करने के लिए मरीजों को नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से सूजन को नियंत्रित रखने में सहायता होती है। नियमित रूप से किट्स का उपयोग करने और एक्सरसाइज करने से मरीज एक्यूट अटैक से सुरक्षित रह सकते हैं।
क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया : डब्लूएचओ के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉक्टर दिलीप कुमार ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला रोग है, जो ग्रसित मरीजों को 5 से 10 साल बाद पता चलता है। अगर मरीज शुरुआत से ही फाइलेरिया ग्रसित अंग का ध्यान रखे तो वे ज्यादा संक्रमित होने से सुरक्षित रह सकते हैं। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया बीमारी छुआछूत से नहीं होता है। अगर परिवार का कोई सदस्य फाइलेरिया ग्रसित है तो उसके साथ बैठने, खाने से सामान्य व्यक्ति फाइलेरिया ग्रसित नहीं हो सकते। मौके पर जिला वेक्टर बोर्न पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार, भी. बी. डी. सी. राजेश कुमार, भी. डी. सी. ओ प्रवीण कुमार, राकेश कुमार,फाइलेरिया इंस्पेक्टर शशि रंजन, जोनल कोर्डिनेटर डॉ. दिलीप कुमार, एस. एम. ओ. डॉ सुभम कुमार,पिरामल फाउंडेशन के सीनियर प्रोग्राम मैनेजर नसरीन बानो, प्रोग्राम लीडर आलोक कुमार,राजेश कुमार, गोपाल कुमार, चिकत्सा पदाधिकारी, बी. एच. एम,बी. सी. एम, सी. एच. ओ और ए. एन. एम. उपस्थित थे