“नवयुगा कंपनी के हाईवा ने शिक्षक की ली जान, बेटा मेदांता में मौत से लड़ रहा — ग्रामीणों में उबाल, शव रख सड़क जाम”

समस्तीपुर: समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन नगर थाना क्षेत्र के मटीऔर गांव में दर्दनाक हादसा सामने आया है। नवयुगा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड की लापरवाही एक परिवार की खुशियों को निगल गई। गांव के सम्मानित शिक्षक नरेंद्र सिंह (पुत्र भोला सिंह, उम्र लगभग 65 वर्ष) की मौत उस समय हो गई जब वे अपने बड़े बेटे राजीव उर्फ राजू के साथ गंगा स्नान के बाद खेत देख कर जा रहे थे। इसी दौरान कंपनी की तेज रफ्तार हाईवा (गाड़ी संख्या BR-03-GA-5719) ने उन्हें कुचल दिया। राजीव , जिनकी उम्र लगभग 30 साल बताई जा रही है, गंभीर रूप से घायल हैं और फिलहाल पटना के मेदांता अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। उनके पैर में फ्रैक्चर है और हालत चिंताजनक बनी हुई है।

गांव में शोक और आक्रोश का माहौल

ग्रामीणों का कहना है कि नवयुगा कंपनी की गाड़ियों को अयोग्य और गैर-लाइसेंसी ड्राइवर चलाते हैं, जो अक्सर नशे में रहते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, इन हाईवाओं से पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं — इंसान और मवेशियों दोनों की जानें गई हैं, लेकिन कंपनी ने कोई सख़्त कदम नहीं उठाया।

संवेदनहीनता की पराकाष्ठा

सबसे दुखद और शर्मनाक पहलू यह रहा कि दुर्घटना के बाद कंपनी के केयरटेकर जोसेफ और दूसरे जिम्मेदार ‘चौहान’ ने पीड़ितों की कोई मदद नहीं की। उन्होंने साफ़ इनकार कर दिया कि गाड़ी उनकी है और यहां तक कह दिया कि “आप अपनी गाड़ी से अस्पताल ले जाइए”। ये संवेदनहीनता और असहयोग ग्रामीणों के घाव पर नमक छिड़कने जैसा रहा।

ग्रामीणों ने शव रख कंपनी गेट किया जाम, मांगा न्याय

सैकड़ों ग्रामीणों ने एकजुट होकर कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। शव को लेकर वे नवयुगा कंपनी के गेट पर पहुंचे और नारेबाज़ी करते हुए उचित मुआवजे और ड्राइवर सिस्टम में सुधार की मांग की। उनका कहना है कि नरेंद्र सिंह जैसे शिक्षाविद की मौत केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि कंपनी की लापरवाही और प्रशासन की उदासीनता का परिणाम है।

लंबे समय से लटका है सड़क निर्माण, हादसों का बन चुका है कारण

बताते चलें कि नवयुगा कंपनी बख्तियारपुर से ताजपुर तक नेशनल हाईवे का फोर लेन निर्माण कर रही है। यह परियोजना वर्षों से अधर में है। पुल और सड़क का निर्माण वर्षों से अधूरा पड़ा है, जिससे हादसे रोजमर्रा की बात हो गई है।

परिजनों और ग्रामीणों की मांग:

नरेंद्र सिंह के परिवार को उचित मुआवजा

बेटे के इलाज का संपूर्ण खर्च कंपनी उठाए

हाईवा चालकों की सख़्त जांच और लाइसेंसी, प्रशिक्षित ड्राइवर की अनिवार्यता

संवेदनहीन कर्मचारियों पर कार्रवाई

पुलिस कर रही जांच, पर ग्रामीणों का भरोसा टूटा

मोहद्दीनगर थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और जांच की बात कह रही है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यदि पहले ही कंपनी पर कार्रवाई की जाती, तो आज नरेंद्र सिंह जिंदा होते।

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