New Delhi : पुतिन ने दोस्त मोदी को भेजा न्योता, विक्ट्री डे परेड में शामिल होने रूस जा सकते हैं पीएम; क्यों खास है 9 मई का दिन?
New Delhi : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने करीबी मित्र और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 9 मई 2025 को मॉस्को में होने वाली विक्ट्री डे परेड में शामिल होने का न्योता भेजा है। रूस के उप विदेश मंत्री आंद्रे रुडेंको ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, “मोदी का दौरा तय किया जा रहा है, यह इस साल होना चाहिए। उन्हें निमंत्रण मिल चुका है।” यह परेड रूस के लिए बेहद खास है, क्योंकि यह द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ की नाजी जर्मनी पर जीत की 80वीं वर्षगांठ का प्रतीक है। सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी के इस दौरे की संभावना काफी अधिक है, और भारतीय सशस्त्र बलों की एक औपचारिक टुकड़ी के परेड में हिस्सा लेने का मुद्दा भी विचाराधीन है। आइए जानते हैं कि 9 मई का दिन रूस के लिए क्यों ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण है।
9 मई क्यों है खास?
9 मई को रूस में “विक्ट्री डे” के रूप में मनाया जाता है, जो द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ की निर्णायक जीत का प्रतीक है। 1945 में इसी दिन जर्मनी ने सोवियत सेना के सामने बिना शर्त आत्मसमर्पण किया था, जिसने यूरोप में युद्ध का अंत किया। रूस इसे “ग्रेट पैट्रियॉटिक वॉर” कहता है, और इस दिन मॉस्को के रेड स्क्वायर पर भव्य सैन्य परेड आयोजित की जाती है, जिसमें रूस अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करता है। यह दिन रूस के लिए राष्ट्रीय गौरव और बलिदान का प्रतीक है, और इसे देश का सबसे महत्वपूर्ण धर्मनिरपेक्ष अवकाश माना जाता है। इस बार 80वीं वर्षगांठ होने के कारण यह आयोजन और भी भव्य होने की उम्मीद है।
मोदी-पुतिन की दोस्ती और भारत-रूस संबंध
पीएम मोदी और पुतिन के बीच गहरी दोस्ती किसी से छिपी नहीं है। पिछले साल अक्टूबर में मोदी ने रूस का दौरा किया था, जहां वे पुतिन के निमंत्रण पर 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे। इसके पहले जुलाई 2024 में भी दोनों नेताओं की मुलाकात मॉस्को में हुई थी, जहां भारत-रूस के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा हुई। पुतिन ने मोदी को “अपना सबसे प्रिय दोस्त” तक कहा था, और दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में सहयोग लगातार बढ़ रहा है। इस निमंत्रण को भी इसी दोस्ती और रणनीतिक रिश्ते की कड़ी के तौर पर देखा जा रहा है।
क्या होगा इस दौरे का महत्व?
अगर पीएम मोदी इस परेड में शामिल होते हैं, तो यह भारत-रूस संबंधों में एक और अहम कदम होगा। यह दौरा खासतौर पर इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह यूक्रेन संकट के बीच हो रहा है, जहां भारत ने शांति और कूटनीति की वकालत की है। रूस ने कई मित्र देशों के नेताओं को इस आयोजन में आमंत्रित किया है, जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और वेनेजुएला के निकोलस मादुरो जैसे नाम शामिल हैं। मोदी का जाना भारत की संतुलित विदेश नीति को और मजबूत करेगा, जो रूस और पश्चिमी देशों दोनों के साथ संबंध बनाए रखती है। साथ ही, भारतीय सैन्य टुकड़ी की भागीदारी दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग का प्रतीक होगी।