Pahalgam attack : पहलगाम हमले के बाद सेना का कड़ा एक्शन: छह आतंकी ठिकाने ध्वस्त, लश्कर के मददगार दबोचे, पाकिस्तान पर शिकंजा
Pahalgam attack : 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) द्वारा किए गए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग, ज्यादातर पर्यटक, मारे गए, के बाद भारतीय सेना और सुरक्षा बलों ने त्वरित और कड़ा जवाब दिया। सेना ने अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां में छह आतंकियों—आसिफ शेख, आदिल हुसैन थोकर, हारिस अहमद, अहसान उल हक, जाकिर अहमद गनई और शाहिद अहमद कुट्टे—के घरों को विस्फोटकों और बुलडोजर से नेस्तनाबूद किया, जिनका लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद से संबंध था। कुलगाम में लश्कर के दो मददगारों को हथियारों और आपत्तिजनक सामग्री के साथ गिरफ्तार किया गया, जबकि बांदीपोरा के कुलनार में लश्कर के टॉप कमांडर अल्ताफ लाली को मुठभेड़ में ढेर किया गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हमले की जांच शुरू की, तीन संदिग्धों—आसिफ फौजी, सुलेमान शाह, अबु तल्हा—के स्केच जारी किए और दो पाकिस्तानी आतंकियों—हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली भाई उर्फ तल्हा भाई—पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया। सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बैसरन घाटी और आसपास के इलाकों में ड्रोन, हेलीकॉप्टर और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के साथ व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया। हमले में 5-7 आतंकियों ने सेना और पुलिस की वर्दी पहनकर हिंदुओं को निशाना बनाया, स्टील टिप गोलियों और एके-47 राइफलों का इस्तेमाल किया। लश्कर का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद (पाकिस्तान में मौजूद) हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है, और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के कश्मीर को “जुगुलर वेन” बताने वाले बयान को हमले से जोड़ा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा रद्द कर आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का ऐलान किया, गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में हाई-लेवल बैठक की, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकियों के खात्मे की चेतावनी दी। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के संकेत दिए, जिससे पाकिस्तान में खौफ का माहौल है। इस अभियान ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को और मजबूत किया, जिससे आतंकियों और उनके समर्थकों में दहशत फैल गई है।