पूर्णिया: PURNEA NEWS पूर्णिया पुलिस परिवार परामर्श केंद्र शनिवार को एक भावुक और प्रेरणादायक क्षण का गवाह बना, जब विदेश से आई एक महिला ने केंद्र की कार्यपद्धति को करीब चार घंटे तक न सिर्फ देखा बल्कि महसूस भी किया। केंद्र में रिश्तों को सुलझाने की प्रक्रिया देखकर वह कई बार भावुक हो उठी और उसकी आंखों से आंसू भी छलक पड़े। उसने कहा कि विदेशों में रिश्ते अक्सर टूटते हैं, लेकिन भारत में – खासकर ऐसे परामर्श केंद्रों के प्रयासों से – रिश्ते फिर से जुड़ते हैं, जो भारतीय संस्कृति और सामाजिक मूल्यों की खूबसूरती को दर्शाता है।
केंद्र के सदस्यों द्वारा दंपत्तियों को समझाने-बुझाने की शैली, सहानुभूति और धैर्य देखकर वह गदगद हो गई। उसने खुले दिल से कहा कि इस कार्यपद्धति पर पूरे देश को गर्व होना चाहिए। इस दौरान पूर्व में सुलह कराए गए दो दंपत्तियों ने भी केंद्र में आकर अपनी सुखद दांपत्य जीवन की पुष्टि की और भरोसा दिलाया कि भविष्य में कोई शिकायत का अवसर नहीं देंगे। शनिवार को कुल 34 मामलों की सुनवाई की गई, जिनमें से 6 मामलों का निष्पादन हुआ।
चार मामलों में पति-पत्नी को समझा-बुझाकर फिर से एक साथ घर भेजा गया, जबकि दो जटिल मामलों में दंपत्तियों को न्यायालय या थाना की शरण लेने की सलाह दी गई। परामर्श केंद्र की इस सफलता में अधिवक्ता दिलीप कुमार, दीपक, स्वाति वैश्य, यंत्री बबीता चौधरी, रविंद्र शाह और नारायण गुप्ता की भूमिका बेहद अहम रही। इन सदस्यों ने न केवल कानूनी परामर्श दिया, बल्कि भावनात्मक रूप से भी दंपत्तियों को संभालने का कार्य किया। पुलिस परिवार परामर्श केंद्र का यह समर्पणपूर्ण कार्य निश्चित ही समाज में रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में एक मिसाल बनता जा रहा है।