पूर्णियाँ: PURNEA NEWS अंशुल कुमार जिला पदाधिकारी पूर्णिया के दिशा-निर्देशों में महिलाओं के अधिकारों और आकांक्षाओं को सरकार तक पहुँचाने के लिए महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन लगातार किया जा रहा है। यह कार्यक्रम पिछले 48 दिनों से चलाया जा रहा है और जिले की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनकर उभरा है। महिला सशक्तीकरण के उद्देश्य से राज्य सरकार ने इस कार्यक्रम की शुरुआत 18 अप्रैल 2025 को की थी। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को उनके अधिकार, अवसर और सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बारे में जागरूक करना है। इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं को 50 मिनट का एक विशेष विडियो फिल्म दिखाया जा रहा है, जिसमें महिला आरक्षण, शिक्षक बहाली में 50 प्रतिशत आरक्षण, शहरी स्थानीय निकाय में 50 प्रतिशत आरक्षण, बालिका साइकिल योजना, दहेज प्रथा, बाल विवाह, बाल मजदूरी से संबंधित सख्त कानूनों, बालिका पोशाक योजना और मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना जैसी 33 से अधिक सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है।
इस महिला संवाद कार्यक्रम में जीविका के ग्राम संगठन स्तर पर 300 से अधिक महिलाएं भाग ले रही हैं। कार्यक्रम में भाग लेने वाली महिलाएं सरकार की योजनाओं के प्रभाव को समझने के साथ-साथ अपनी व्यक्तिगत अनुभवों को भी साझा करती हैं। इसके अलावा, महिलाएं अपनी आकांक्षाओं और समस्याओं को मंच पर रखती हैं, जिन्हें सरकार तक पहुँचाया जाता है। इन्हें एक विशेष मोबाइल ऐप के माध्यम से दर्ज किया जा रहा है और उनका समाधान करने की प्रक्रिया भी सरकार द्वारा तेज़ी से की जा रही है।
इस कार्यक्रम के तहत, जीविका दीदियों द्वारा की गई सबसे बड़ी मांग, जीविका बैंक के गठन को सरकार ने मंजूरी दी है, जिससे महिलाओं को ऋण लेने में सहूलियत होगी। बुधवार को जिले के 44 प्रखंडों में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में अब तक 1953 महिला ग्राम संगठनों ने सफलता से इस कार्यक्रम में भाग लिया है। 14 जून तक यह कार्यक्रम 2424 ग्राम संगठनों में संपन्न होगा।
जीविका के प्रभारी जिला परियोजना प्रबंधक श्री ओम प्रकाश मंडल ने बताया कि अब तक 50,000 से अधिक आकांक्षाएं प्राप्त हो चुकी हैं, जिन्हें संबंधित विभागों को भेजा जा चुका है। साथ ही, कार्यक्रम में 4 लाख 60 हजार से अधिक महिलाएं भाग ले चुकी हैं, जो इस पहल को एक सफलता की कहानी बना रही हैं। यह कार्यक्रम सरकार की अनूठी पहल है, जिससे महिलाएं सीधे अपने अधिकारों, आकांक्षाओं और सफलताओं को सरकार तक पहुँचा रही हैं, और इस प्रकार यह सशक्तिकरण का एक बड़ा कदम साबित हो रहा है।