PURNIA NEWS : विश्व पर्यावरण दिवस पर पूर्णिया विश्वविद्यालय में भव्य पौधारोपण कार्यक्रम, कुलपति ने दिया प्रेरक संदेश
PURNIA NEWS,किशन भारद्वाज : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पूर्णिया विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभाग परिसर में एक विशेष पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम वाणिज्य संकाय के छात्रों के तत्वावधान में संपन्न हुआ, जिसमें गणित, हिंदी एवं गृहविज्ञान विभाग के छात्रों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति छात्रों में जागरूकता बढ़ाना एवं परिसर को हरित बनाना था। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. विवेकानंद सिंह ने स्वयं छात्रों के साथ मिलकर विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए। अपने प्रेरणादायक संबोधन में उन्होंने कहा, “जिस प्रकार पौधे बढ़ते हैं, खिलते हैं और फलते हैं, उसी प्रकार विद्यार्थियों को भी पढ़ाई और जीवन में निरंतर विकास करना चाहिए। पर्यावरण की रक्षा हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है और इसमें प्रत्येक छात्र की भागीदारी आवश्यक है।” उन्होंने यह भी कहा, “आज जो पौधा तुम रोप रहे हो, भविष्य में जब इसी पेड़ की छाया में बैठोगे, तो यह क्षण एक सुखद स्मृति बन जाएगा। यह कार्य सिर्फ पौधे लगाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक हरित जीवनशैली अपनाने का संकल्प है।” इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी एवं प्राध्यापक भी उपस्थित रहे। इनमें रजिस्ट्रार अनंत प्रसाद गुप्ता, प्रॉक्टर प्रो. पटवारी यादव, रजिस्ट्रार (अकादमिक) श्री नवनीत कुमार, प्रो. (डॉ.) गोपाल कुमार, वाणिज्य संकाय के सहायक प्रोफेसर मुकेश पासवान, गणित विभाग के सहायक प्रो. किश्लेय किशोर, प्रो. (डॉ.) तुहिना विजय, डॉ. मिहिर, डॉ. मनोज, डॉ. प्रेनिका वर्मा सहित कई प्राध्यापकगणों ने सक्रिय रूप से पौधारोपण में भागीदारी निभाई।
छात्रों में अपर्णा झा, तनु प्रिया, आकांक्षा, दिवाकर, सुमित, पीयूष गुप्ता, देवांशी, काजल, कोमल, शुभदीप, केशव, कल्पना, साक्षी, अमन, नम्रता, अनीता समेत अनेक विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और परिसर को हरा-भरा बनाने में योगदान दिया। कार्यक्रम के अंत में छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया और हरित जीवनशैली अपनाने का भरोसा दिलाया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन की प्रतिबद्धता जताई। यह आयोजन न केवल पर्यावरणीय चेतना को जागृत करने में सफल रहा, बल्कि यह छात्रों और शिक्षकों के बीच सामूहिक भागीदारी, उत्तरदायित्व और जागरूकता का एक प्रेरणादायक उदाहरण भी बन गया। इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि छोटी-छोटी पहलें मिलकर एक बड़े बदलाव की आधारशिला बन सकती हैं।