PURNIA NEWS, किशन भारद्वाज : भारतरत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर पूर्णियाँ विश्वविद्यालय, पूर्णियाँ में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के तत्वाधान में एक गरिमामयी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के माननीय प्रति-कुलपति डॉ. पवन कुमार झा ने की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसका विषय था — “वर्तमान समय में भारतरत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रासंगिकता”। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसे प्रति-कुलपति डॉ. पवन कुमार झा ने संपन्न किया। अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने डॉ. अंबेडकर के जीवन और कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे केवल दलित समाज के नेता नहीं थे, बल्कि वे संपूर्ण समाज की प्रगति और समानता के समर्थक थे। उन्होंने कहा कि आज हम जो महिला-पुरुष समानता का अनुभव करते हैं, वह डॉ. अंबेडकर की सोच और प्रयासों का ही प्रतिफल है। उन्होंने यह भी बताया कि संविधान निर्माण से लेकर सामाजिक सुधार तक, अंबेडकर जी का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रेरणास्पद रहा है। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ. वंदना भारती, सहायक प्राध्यापिका, हिंदी विभाग ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज के युवाओं को बाबा साहेब से प्रेरणा लेकर उनके आदर्शों पर चलना चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर के विचार आज की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं के समाधान में मार्गदर्शक बन सकते हैं।
डॉ. माया कीर्ती, सह-प्राध्यापिका, राजनीति विज्ञान विभाग ने अपने वक्तव्य में महिलाओं की सामाजिक स्थिति में आए बदलाव का श्रेय डॉ. अंबेडकर को देते हुए कहा कि आज महिलाएँ समाज के हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं, जबकि एक समय था जब उन्हें केवल घरेलू कार्यों तक सीमित कर दिया गया था। बाबा साहेब ने महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाई और उन्हें समानता दिलाने के लिए ठोस पहल की। इसके अतिरिक्त विभास, सुश्री संजना कुमारी, नितीश बिक्कू सहित कई छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए और डॉ. अंबेडकर के योगदान को आज के परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिक बताया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, पदाधिकारीगण, शिक्षकेत्तर कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। मंच का कुशल संचालन प्रोफेसर (डॉ.) राम दयाल पासवान, कार्यक्रम समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया। इस आयोजन ने सभी प्रतिभागियों को डॉ. अंबेडकर के जीवन से प्रेरणा लेने और उनके सिद्धांतों को अपने जीवन में आत्मसात करने का संकल्प दिलाया।
Leave a Reply