PURNIA NEWS, अभय कुमार सिंह : आंगनबाड़ी सेविकाओं के साथ जूल्म की पराकाश्ठा हो रही है । उनकी समस्या का समाधान नहीं कर तथा ऑफ़लाइन में भी आंगनबाडी केंद्रों का कार्य सुचारूप से चलने के बावजूद, मोबाइल से काम नहीं करने को लेकर डीपीओ ने उनके सहित वैसी 11 सेविकाओं को जिला में 10 बजे से 5 बजे तक हाजिरी बनाने का आदेश दिया गया है । यह आदेश अंग्रेजी हुकुमत की याद दिला रहा है । वे सभी सेविकाएं कर्जा लेकर पूर्णिया डीपीओ कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को मजबूर हैं । इसके लिए उन्होंने अपने कष्ट को लेकर एक आवेदन डीपीओ को सौंपी हैं । उक्त बातें सेविका-सहायिका संघ की प्रखंड अध्यक्ष अनिता कुमारी ने अपना दुख व्यक्त करते हुए कही । उन्होंने विभाग के अंग्रेजी हुकुमत जैसे काला आदेश पर दुख व्यक्त करते हुए तथा विभाग द्वारा उनकी समस्या का समाधान करने की बजाय विभाग ने उन्हें बिना मोबाइल के ही अपने मोबाइल से काम करने का फरमान जारी किया था । जबकि यह सभी को मालूम है कि सेविकाएं अधिकांश गरीब वर्ग से आ रही हैं, उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि विभाग का एप चलाने लायक मोबाइल खरीद सकें । विभाग ने 2019 में सभी सेविकाओं को घटिया मोबाइल उपलब्ध कराया गया था, जो डेढ से दो साल तक में खराब हो गया । वैसे भी कोई मोबाइल तीन साल के बाद खराब हो जाता है । उन्होंने किसी प्रकार अपना काम चलाया । फिर जब उनसे कार्य संभव नहीं होने लगा तब, उनके द्वारा सामुहिक रूप से 31.8.2024 को खराब मोबाइलों को विभाग को सौंप दिया तथा नया मोबाइल के लिए गुहार लगायी ।
विभाग उन्हें मोबाइल तो उपलब्ध नहीं कराया, परंतु जो हम कहें वही कानून के तर्ज पर डीपीओ ने अपने पत्रांक 231 दिनांक 26.5.2025 के तहत विरोध करनेवाली 11 सेविकाओं पर कडा आदेश जारी करते हुए, वैसे केंद्र को जो आॅफ लाइन काम कर रही हैं, के केंद्र को अन्य काम करनेवाली सेविका को प्रभार देने के साथ-साथ, उन्हें जिला में प्रत्येक कार्य दिवस पर सुबह 10 बजे से 5 बजे तक उपस्थित होने का आदेश जारी किया गया है । वेलोग यहां से लगातार अपने घर से 90 किलोमीटर दूर पूर्णिया प्रत्येक कार्य दिवस पर आने-जाने को मजबूर हैं । इनमें से दो सेविकाएं 184 केंद्र संख्या की किरण कुमारी एवं केंद्र संख्या 160 की पूनम झा अपने काम पर लौट आयी हैं । जबकि उनके सहित केंद्र संख्या 247, 251, 250, 253, 210, 60, 58, 228 एवं 278की सेविकाएं पूर्णिया जाने को मजबूर हैं । आदेश भी ऐसा कि जिस सेविका को प्रभार दिया गया है, वह किसी दूसरे पंचायत की हैं ।समझा जा सकता है कि सेविकाएं दूसरे पंचायत में कैसे आ-जा सकती हैं तथा ससमय कार्य कर सकती हैं । आखिर वेसभी गरीब सेविकाएं कहां से प्रतिदिन लगभग तीन सौ रूपये लाएंगी, कहां से खाएंगी । प्रतिदिन कर्ज लेकर वह पूर्णिया आ-जा रही हैं । इसके एवज में विभाग उन्हें कोई राशि भी उपलब्ध नहीं करा रहा है । इतना ही नहीं, वह महिला हैं, उनकी सुरक्षा, उनके साथ सडक दुर्घटना होने आदि पर कौन जवाबदेही लेगा । उन्होंने नये डीएम से मांग की कि वे उनकी समस्या पर नजर डालें तथा उनके कष्ट को अपने स्तर से दूर करने का प्रयास करें ।
कोट:
विभाग का सभी काम अब ऑनलाइन है तथा पोर्टल पर हो रहा है, इस परिस्थिति में कुछ सेविकाओं द्वारा मोबाइल नहीं होने का बहाना लेकर पोर्टल पर काम नहीं करना, समझ से बाहर है । विभाग सभी सेविकाओं को रिचार्ज भी उपलब्ध करा रहा है । अब सेविकाओं का कोई बहाना नहीं चलेगा, ऑनलाइन काम करना ही होगा । मोबाइल तो अब एक मजदूर के पास भी है ।
पुष्पा रानी, सीडीपीओ, रूपौली