“अदालत के प्रति सम्मान, लेकिन फैसला स्वीकार नहीं”: शिक्षक भर्ती घोटाले पर ममता बनर्जी का तीखा बयान
NEW DELHI : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षक भर्ती घोटाले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कड़ा रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें 2016 की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियाँ रद्द कर दी गई थीं। इस फैसले के बाद ममता ने कहा, “मैं न्यायपालिका का सम्मान करती हूँ, लेकिन इस फैसले को स्वीकार नहीं कर सकती। यह मानवीय संवेदनाओं के खिलाफ है।”
ममता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह फैसला उन लोगों के लिए अन्याय है, जो सालों से नौकरी कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या सभी 25,000 लोग भ्रष्ट हैं? क्या एक साथ इतने लोगों की जिंदगी बर्बाद करना ठीक है?” उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए इसे “चुनावी साजिश” करार दिया और कहा कि उनकी सरकार प्रभावित शिक्षकों के साथ खड़ी रहेगी। ममता ने यह भी ऐलान किया कि वह जल्द ही नौकरी खो चुके लोगों से मिलेंगी और उन्हें हिम्मत बनाए रखने को कहेंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को “धोखाधड़ी और हेरफेर से भरी” बताते हुए रद्द करने का फैसला सुनाया था, लेकिन प्रभावित कर्मचारियों को वेतन वापस करने से छूट दी। ममता ने इस राहत का स्वागत किया, लेकिन पूरे फैसले को “अस्वीकार्य” बताया। टीएमसी सूत्रों के मुताबिक, सरकार अब कानूनी विकल्प तलाश रही है और नई भर्ती प्रक्रिया को जल्द शुरू करने की तैयारी में है। इस बीच, विपक्षी बीजेपी ने इसे ममता सरकार के “भ्रष्टाचार का सबूत” करार दिया है। यह विवाद पश्चिम बंगाल की सियासत में नया तूफान ला सकता है।