सहरसा

SAHARSA NEWS : सहरसा में मुहर्रम के मौके पर हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल, रणखेत में ताजिया मिलान ने पेश की गंगा-जमुनी तहज़ीब

SAHARSA NEWS,अजय कुमार : रविवार को मीर टोला,अली नगर, मछली बाजार, बनगांव पूर्वी, बरियाही, नरियार, लतहा, रहुआमणि, नौलक्खा आदि क्षेत्रों के ताजिया अपने इमामबाड़ा से निकल रणखेत पहुंची। रण खेत पर पहुंच सारे जगहों से आए ताजिया का मिलान हुआ। जहां सभी धर्मों के लोग ने एक साथ लड़वारी खेला एवं गंगा जमुना तहजीब की याद दिलाई एवं सांप्रदायिक सद्भाव की अनूठा मिसाल पेश करते हुए प्रखंड क्षेत्र के लोगों ने जाति और धर्म से ऊपर उठकर मिशाल पेश की।मुहर्रम के पर्व पर हिन्दू समुदाय के लोगों में भी गहरी आस्था देखने को मिलती है। कई इलाकों में हिन्दू समुदाय के लोग मुहर्रम के दौरान ताजिया बनाने, जुलूस निकालने और इमाम हुसैन की शहादत पर मातम मनाने में सक्रिय रूप से शामिल होते हैं।यह परंपरा, जो कई सालों से चली आ रही है, सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।सहरसा में मुहर्रम के दौरान, हिन्दू समुदाय के लोग न केवल मुहर्रम में शामिल होते हैं, बल्कि वे ताजिया बनाने और जुलूस निकालने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।यह परंपरा, जो कई गांवों में पीढ़ियों से चली आ रही है, यह दर्शाती है कि धर्म और समुदाय की सीमाओं से परे, आपसी सम्मान और भाईचारा कैसे कायम रखा जा सकता है।उदाहरण के लिए, सहरसा के कई गांवों में, हिन्दू समुदाय के लोग मुहर्रम के दौरान ताजिया बनाते हैं, जुलूस निकालते हैं, और इमाम हुसैन की शहादत पर मातम मनाते हैं, जैसे कि यह उनका अपना त्योहार हो यह दर्शाता है कि सहरसा में, मुहर्रम एक ऐसा त्योहार है जो सभी समुदायों को एक साथ लाता है और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देता है।कुछ गांवों में, यह परंपरा एक ऐतिहासिक समझौते का परिणाम है, जहां हिन्दू परिवारों ने मुसलमानों के साथ मिलकर मुहर्रम मनाने की प्रतिज्ञा ली थी।

इस तरह की परंपराएं सहरसा में सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे का एक शानदार उदाहरण पेश करती है।भले ही धर्म के नाम पर लोग सियासत करते हों और आपस में एक-दूसरे के खून के प्यासे होते हों लेकिन सहरसा में हिन्दू एवं मुसलमान ने एक साथ पर्व मनाकर मिसाल कायम करते हैं। होली के मौके पर गांव के मुसलमान के घर पुआ व पकवान बनते हैं तो मुहर्रम पर्व में हिन्दू समुदाय के युवक, बुजुर्ग व बच्चे मजहबी दीवार को ठेंगा दिखाकर एक साथ मुहर्रम पर्व मना एकता एवं सामाजिक सौहार्द का मिसाल पेश करते हैं। दूसरी जगह से आने वाले लोगों को इस त्योहार के मौके पर धार्मिक फर्क करना मुश्किल हो जाता है।

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *