SAHARSA NEWS,अजय कुमार : महिला एवं बाल विकास निगम तथा जिला प्रशासन सहरसा द्वारा अक्षय तृतीया के अवसर पर बुधवार को बाल विवाह मुक्त अभियान के तहत विभिन्न स्थानों उग्रतारा मंदिर महिषी,मंडन मिश्र धाम महिषी,गौरी स्थान सत्तरकटैया एवं बाबा शंकर मंदिर बिहरा के साथ साथ बाकी प्रखंड के मंदिरों, आंगनवाड़ी केंद्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें बाल विवाह के दुष्परिणाम, स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर प्रभाव और इसके कानूनी प्रावधान के बारे में जानकारी दी गई एवं मंदिर प्रबंधक द्वारा किए गए पंजीकरण रसीद की जांच की गई। अक्षय तृतीया के मौके पर बाल विवाह की घटनाओं को रोकने हेतु यह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर जिला प्रोग्राम पदाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी कुमारी पुष्पा ने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत किसी भी लड़की का विवाह अठारह वर्ष से पहले एंव लडके का विवाह 21 वर्ष से पहले करना कानूनन अपराध है।
वहीं जिला परियोजना प्रबंधक काजल चौरसिया द्वारा बताया गया कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है, जिसे समाप्त करने हेतु हम सभी को मिलजुल कर प्रयास करने की आवश्यकता है। साथ ही सभी पुरोहित एवं धर्म गुरुओं तथा उपस्थित आमजन से अपील किया गया कि बाल विवाह की सूचना 1098 (चाइल्ड हेल्पलाइन) एवं 181 (महिला हेल्पलाइन) नंबर पर या संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी को देना है। जिला प्रशासन सहरसा के तहत सभी मुख्य मंदिरों, चौक चौराहों पर बाल विवाह निषेध हेतु बैनर फ्लैक्स लगाकर लोगों को बाल विवाह के रोकथाम हेतु जागरूक किया गया। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ICDS सहरसा एवं जिला परियोजना प्रबंधक महिला एवं बाल विकास निगम सहरसा के द्वारा कुछ मंदिरों/क्षेत्रों का भ्रमण किया गया। इस मौके पर वित्तीय साक्षरता विशेषज्ञ, लेखा ऋचा मिश्रा DHEW , काउंसलर दीपशिखा OSC, जेंडलेखा सहायक, DHEW महिला एवं बाल विकास निगम, महिला पर्यवेक्षिका, श्रद्धालु, पुजारी,आम जनता उपस्थित रहे।