SAHARSA NEWS : 13 सितम्बर शनिवार को होगा ओठगन,14 को जितिया का व्रत : पंडित तरुण झा

SAHARSA NEWS,अजय कुमार : ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान,डॉ.रहमान चौक सहरसा के संस्थापक एवं प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा जी ने बताया की हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया का व्रत किया जाता हैं।जितिया व्रत को भक्ति और उपासना के सबसे कठिन व्रतों में एक माना जाता है इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन के लिए व्रत रखती हैं, माताएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं।
मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार :
1) स्त्रीणाँ विशिष्ट भोजनम् ओठगन= 13 सितम्बर को रात्री के अंत तक़
संभव हो तो प्रातः 04 बजे तक
2) जीमूतवाहन व्रतम, जितिया का उपवास:- 14 सितम्बर, रविवार
3) पारणा : 15 सितम्बर सोमवार को प्रातः 06.36 के बाद पारणा

व्रत के पीछे की कथा : जितिया के पीछे की कहानी यह है की महाभारत युद्ध में पिता की मृत्‍यु के बाद अश्वत्थामा बहुत क्रोधित था,पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए पांडवों के शिविर गया और उसने पांच लोगों की हत्‍या कर दी, उसे लगा कि उसने पांडवों को मार दिया लेकिन पांडव जिंदा थे, जब पांडव उसके सामने आए तो उसे पता लगा कि वह द्रौपदी के पांच पुत्रों को मार आया है,यह सब देखकर अर्जुन ने क्रोध में अश्वत्थामा को बंदी बनाकर दिव्‍य मणि को छीन लिया।अश्वत्थामा ने इस बात का बदला लेने के लिए अभिमन्‍यु की पत्‍नी उत्‍तरा के गर्भ में पल रही संतान को मारने की योजना बनाई,उसने गर्भ में पल रहे बच्चे को मारने के लिए ब्रह्मास्त्र चलाया, जिससे उत्‍तरा का गर्भ नष्‍ट हो गया।लेकिन उस बच्चे का जन्म लेना बहुत जरूरी था।इसलिए भगवान कृष्‍ण ने उत्‍तरा की अजन्‍मी संतान को गर्भ में ही फिर से जीवित कर दिया।गर्भ में मरकर जीवत होने की वजह से इस तरह उत्‍तरा के पुत्र का नाम जीवित पुत्रिका पड़ गया और तब से ही संतान की लंबी आयु के लिए जितिया व्रत किया जाने लगा।

Share This Article
अंग इंडिया न्यूज़ एक समर्पित डिजिटल न्यूज़ पोर्टल है जो भारत की सांस्कृतिक गहराइयों, सामाजिक मुद्दों और जन-आवाज को निष्पक्षता और संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करता है। हमारा उद्देश्य है—हर क्षेत्र, हर वर्ग और हर भाषा को प्रतिनिधित्व देना, ताकि खबरें सिर्फ सूचनाएं न रहें, बल्कि बदलाव की प्रेरणा बनें। हम न सिर्फ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं को कवर करते हैं, बल्कि उन कहानियों को भी उजागर करते हैं जो आमतौर पर मुख्यधारा से दूर रह जाती हैं। अंग इंडिया न्यूज़ का हर लेख, हर रिपोर्ट और हर विश्लेषण एक सोच के साथ लिखा जाता है—"जनता की नज़र से, जनता के लिए।"
- Advertisement -

आपके लिए ख़ास ख़बर